झाविमो और आजसू के सामने वजूद की चुनौती


रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम ने कई मायने में इतिहास रच दिया। जनता ने भाजपा को एक झटके में सत्ता से उतार दिया और हेमंत सोरेन को राज्य की कमान सौंप दी।

इस चुनावी परिणाम ने भाजपा को 25 सीटों पर ही समेट दिया जबकि क्षेत्रीय दल झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो ) और आजसू पार्टी को भी बड़ा झटका लगा। तीनों पार्टियां 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकीं। खासकर झाविमो और आजसू बामुश्किल आस्तिव को बचाया। 2014 में भाजपा को अकेले 37 सीटें मिली थी जो इसबार 25 पर सिमट गयी। जबकि झाविमो को सात सीटें मिली थी। हालांकि बाद में उसके छह विधायक भाजपा में शामिल हो गये। झाविमो को इसबार महज तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा। जबकि आजसू पांच सीटों से घटकर महज दो सीटों पर सिमट गयी।

झाविमो और आजसू को राज्य में वजूद बचाये रखने के लिए पुन: संघर्ष करने और जनता के बीच जाकर उनकी आवाज बुलंद करने का अवसर मिला है। राष्ट्रीय पार्टियों को छोड़ इन दोनों झारखंड नामधरी दलों के समक्ष चुनौती पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल अब है। झाविमो को मिले तीन सीटों व आजसू पार्टी की दो सीटों पर चुनावी सफलता ने दोनों दलों के नेतृत्व को झारखंडी जनता की ओर से आगाह करने का काम किया है। राज्य के लिए दोनों के सकारात्मक कदम पांच साल तक झारखंड की जनता देख-समझ कर ही अगले चुनाव में मौका दे सकती है। नहीं तो झारखंड नामधारी दोनों दलों को आने वाले चुनाव में विधानसभा की दहलीज तक पहुंचना कठिन हो जायेगा।

इस संबंध में झाविमो के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विनोद शर्मा ने कहा कि झाविमो जनादेश को स्वीकार करती है। पार्टी अगले पांच साल तक जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेगी, जहां चूक हुई है उसपर भी पार्टी मंथन करेगी।

वहीं आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत कहते हैं कि सता की बागडोर झामुमो के पास है, वहीं मजबूत विपक्ष की भूमिका का जानादेश आजसू व झाविमो को मिला है। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। जनमानस के निर्णय को हम स्वीकार करते हैं। हम झारखंडी भावनाओं के अनुकूल गांव की सरकार बने, इसे लेकर चुनाव में गये। झारखंड के लोगों के लिए न्याय और हक की आवाज पार्टी लगातार बुलंद करती रहेगी।

आजसू व झाविमो को मिले कहां कितने वोट

विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी जहां 53 सीटों पर वहीं झाविमो ने 81 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा।  चुनाव परिणाम में जहां आजसू पार्टी को 8.10 प्रतिशत वोट मिले। वहीं 11 सीटों पर दूसरे एवं 12 सीटों पर तीसरे स्थान पर रही। जबकि झाविमो का कुल मतों में शेयर 5.45 रहा। पार्टी दो स्थानों पर दूसरे एवं 9 सीटों पर तीसरे स्थान पर रही।

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