मनरेगा में वेतन वृद्धि को कम बताते हुए कांग्रेस ने की सरकार की आलोचना

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत हुई वेतन वृद्धि को मामूली बताते हुए केन्द्र सरकार पर गरीबों के हित से समझौता करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने दिल्ली में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि मनरेगा के तहत सरकार ने हाल ही में दिए जाने वाले 100 दिन के रोजगार में वेतन वृद्धि की घोषणा की है। यह वृद्धि महज 2.1 प्रतिशत है और छह राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में कोई वेतन बढ़ोतरी नहीं की गई है। 15 राज्यों में वेतन बढ़ोतरी मात्र एक या पांच रुपये है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री वेतन वृद्धि में कंजूसी क्यों कर रहे हैं। वह अमीर उद्योगपतियों को करोड़ों रुपये देते हैं लेकिन गरीब मज़दूरों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं करते हैं। गांवों में लोग कई तरह के संकट से गुज़र रहे हैं और प्रधानमंत्री इसका संज्ञान भी नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) का सर्वे बताता है कि ग्रामीण इलाकों में 5.8 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में 4.7 करोड़ की नौकरियां गई हैं। सरकार दावा करती है कि उसने मनरेगा का बजट बढ़ाया है लेकिन लोगों को समय पर वह वेतन नहीं मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद महेन्द्र देव पैनल गठित किया गया, जिसने कहा कि राज्य कृषि इंडेक्स के तहत मनरेगा के वेतन तय होने चाहिए। हालांकि सरकार ने उसे भी स्वीकार नहीं किया।

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