नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलब किए जाने के बाद नागेश्वर राव आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने हलफनामा दायर कर कहा कि उन्हें गलती हो गई लेकिन ये जान बूझकर नहीं की गई थी। कोर्ट ने कहा कि आपकी सजा ये है कि आज दिनभर आप कोर्ट के एक कोने में बैठे रहेंगे। कोर्ट ने नागेश्वर राव पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और निर्देश दिया कि एक हफ्ते में जुर्माने की रकम जमा करें।
नागेश्वर राव की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि नागेश्वर राव ने जान-बूझकर नाफरमानी नहीं की है। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से पूछा कि अगर हम नागेश्वर राव को दोषी करार देते हैं, तो क्या आप सजा को लेकर जिरह करेंगे। तब केके वेणुगोपाल ने कहा कि जब तक कोर्ट ये तय न कर ले कि नागेश्वर राव ने ये जान-बूझकर कर किया, उन्हें दोषी नहीं करार दिया जाना चाहिए। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि अपने 20 साल के कार्यकाल में हमने किसी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं चलाया है लेकिन इस मामले में चलाना पड़ रहा है।
पिछले 7 फरवरी को कोर्ट ने नागेश्वर राव को को प्रथम दृष्टया कोर्ट की अवमानना का आरोपी माना था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि नागेश्वर राव ने बिना कोर्ट की अनुमति के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला कर दिया।
पिछली सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने पूछा था कि इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी का तबादला किन अफसरों के कहने पर हुआ। तब सीबीआई के वकील ने कहा था कि एके शर्मा के तबादले के पीछे नागेश्वर राव समेत दो अधिकारी शामिल थे। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप हमारे आदेश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोर्ट ने नागेश्वर राव को भी तलब करने का आदेश दिया था।
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