कोलकाता। महानगर कोलकाता समेत राज्य भर के सभी सिनेमा हालों में आगामी 19 जुलाई को आहूत हड़ताल टाल दी गई है। सिनेमा हॉल के टिकट पर सर्विस चार्ज बढ़ाने की बहुप्रतीक्षित मांग पर यह हड़ताल होनी थी। ईस्टर्न इंडिया मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन (ईम्पा) की ओर से इसकी घोषणा तीन दिन पहले की गई थी। अब राज्य सरकार के तथ्य सूचना और संस्कृति विभाग ने आश्वस्त किया है कि जल्दी एक विज्ञप्ति जारी कर सिनेमा हॉल मालिकों को सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल टिकट पर सर्विस चार्ज बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। जिसके बाद से हड़ताल नहीं करने की घोषणा की गई है। बताया गया है कि विभाग की ओर से विज्ञप्ति जारी हो जाने के बाद एसी हॉल में 05 रुपये और नॉन एसी हॉल में 03 रुपये सर्विस चार्ज प्रति टिकट बढ़ाया जा सकता है। अब इम्पा की अध्यक्ष पिया सेनगुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि तथ्य सूचना और संस्कृति विभाग ने आश्वस्त किया है कि सर्विस चार्ज बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी इसलिए अस्थाई तौर पर हड़ताल टाल दी गई है। अगर लिखित तौर पर विज्ञप्ति जारी नहीं हुई तो व्यापक आंदोलन होगा। पिया ने कहा पश्चिम बंगाल सरकार से इस मामले में कई बार चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारे में मौखिक आश्वासन दिया है लेकिन लिखित तौर पर राज्य सरकार ने किसी तरह का कोई निर्देश जारी नहीं किया है। इसकी वजह से हिंदी और अंग्रेजी फिल्म रिलीज करने वाले, सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल मालिकों को सर्विस चार्ज देते ही नहीं हैं। लंबे समय से यह मांग की जाती रही है कि नॉन एसी सिनेमा हॉल में प्रत्येक टिकट पर कम से कम ₹5 रुपये और एसी सिनेमा हॉल में प्रत्येक टिकट पर कम से कम 10 रुपये सर्विस चार्ज वसूला जाना चाहिए। वर्तमान में यह अंक क्रमशः दो और तीन रुपये है। सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल के मेंटेनेंस और अन्य खर्च को वहन करने करने के लिए यह जरूरी हो गया है। दरअसल तकनीक का हाथ पकड़कर तेजी से विकसित होती दुनिया के साथ सिनेमा हॉल भी मल्टीप्लेक्स हो गए हैं। ऐसे में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल को चालू रखना मालिकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। जीएसटी लागू कर दिए जाने के बावजूद महाराष्ट्र, गोवा, त्रिपुरा और झारखंड जैसे राज्यों में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल में सर्विस टैक्स देने का कानून है लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौखिक आश्वासन तो दिया है पर लिखित तौर पर कोई निर्देश जारी नहीं की है। विगत दो सालों से ही इसे लेकर लगातार मांग की जा रही है। पिया सेनगुप्ता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में पहले 900 सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल थे जो अब घटकर केवल 200 रह गए हैं। अगर राज्य सरकार ऐसे ही निष्क्रिय बनी रही तो सभी सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल बंद हो जाएंगे।
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