गढ़वा । जिले ही नहीं राज्य को कलंकित करने वाली यह खबर है। यहां शिक्षा के मंदिर में एक छात्रा के साथ वहां के कर्मचारियों ने हैवानियत किया। इसकी वजह से छात्रा मां बन गई।
यह घटना मझिआंव प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की है। बरडीहा थाना के ओबरा गांव निवासी, उक्त विद्यालय की 14 वर्षीया आठवीं कक्षा की छात्रा कुवांरी मां बन गई। खबर जब आग की भांति फैलती है, तब शिक्षा विभाग में हड़कंप मचने के साथ-साथ चहुं ओर चर्चा का विषय बन गई। जानकारी के मुताबिक छात्रा ने इसी वर्ष 28 जून को मझिआंव रेफरल अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चा एक एएनएम के पास है।
बारीकी से की गई जांच
मामला संज्ञान में आने पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने इसकी बारीकी से जांच की। इसे सेक्स रैकेट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे के जैविक पिता की पहचान भी कर ली गई है। इसकी पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट की अनुशंसा करने की तैयारी की जा रही है।
जांच रिपोर्ट में विद्यालय की वार्डन के अलावे डीएसई समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है। इसके अलावा जिस घर में छात्रा और बच्चे के जैविक पिता मिलते थे, उस घर की मालकिन व उसके पिता को भी आरोपी बनाया गया है।
सौंपी गई रिपोर्ट
सीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट कार्रवाई के लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को सौंप दी है। साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए सीआईडी के एडीजी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली आईसीपीएस के निदेशक सह सचिव विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सहित डीसी व एसपी को पत्र लिखा है।
छात्रा ने चेयरमैन को दिया बयान
छात्रा ने सीडब्ल्यूसी चेयरमैन को बताया कि तत्कालीन वार्डन, शिक्षिका, गार्ड और आवासीय विद्यालय की एएनएम ने उसे 27 जून की रात 12.30 बजे मझिआंव रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। उसी दिन दोपहर 2.10 बजे उसने सामान्य प्रसव से एक बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद जब उसे होश आया तो उससे कहा गया कि वह कुंवारी है, इसलिए यह बच्चा एएनएम को सौंप दे नहीं तो बदनामी झेलनी पड़ेगी।
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