मुंबई । इस कारोबारी सप्ताह के दौरान एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में केवल 62.53 अंक या 0.17 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हो पाई है। आगामी चुनावों के कारण बाजार में सतर्कता बरती जा रही है। घरेलू निवेशकों के साथ ही विदेशी निवेशक भी फिलहाल मुनाफा वसूली पर ही जोर दे रहे हैं। एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स विगत सप्ताह जहां 35,808.95 अंकों पर बंद हुआ था, वहीं इस शुक्रवार को सेंसेक्स 35,871.48 अंकों पर बंद हुआ है। इस सप्ताह निवेशकों का मिला-जुला रुख देखा गय है। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार (18 फरवरी, 2019) को एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 35,831.18 अंकों पर खुला था, जबकि गुरुवार (21 फरवरी, 2019) को ही बाजार ने 35,983.07 अंकों का उच्चस्तर हासिल कर लिया। मंगलवार (19 फरवरी, 2019) को सेंसेक्स ने 35,287.16 अंकों का निम्न स्तर बनाया था।
बता दें कि पिछले कारोबारी सप्ताह की तुलना में शेयर बाजार ने इस सप्ताह केवल 62.53 अंक की बढ़त हासिल की है, जबकि इस सप्ताह बाजार ने 111.59 अंक तक की बढ़त बनाने में कामयाब रहा था। ब्रॉड बेस्ड इंडेक्स में सबसे ज्यादा उछाल बीएसई- स्मॉल कैप सूचकांक में रही। कारोबारी सप्ताह के दौरान एसएंडपी बीएसई- स्मॉल कैप सूचकांक में 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि एसएंडपी बीएसई- मिडकैप सूचकांक में भी 1.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी तरह, एसएंडपी बीएसई- 100 सूचकांक में 0.82 प्रतिशत, एसएंडपी बीएसई- 200 सूचकांक में 0.91 प्रतिशत और एसएंडपी बीएसई- 500 सूचकांक में 1.02 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।
एसएंडपी बीएसई आईपीओ इंडेक्स में सर्वाधिक 3.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है। हालांकि एसएंडपी बीएसई एसएमई आईपीओ में 0.37 प्रतिशत की मामूली बढ़त देखी गई है। एसएंडपी बीएसई कार्बनएक्स सूचकांक भी 0.79 प्रतिशत की उछाल के साथ बंद हुआ है, जबकि एसएंडपी बीएसई ग्रीनएक्स इंडेक्स में 1.41 प्रतिशत की उछाल देखी गई है।
इस कारोबारी सप्ताह के दौरान, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में सर्वाधिक बढ़नेवाली 5 कंपनियों में वेदांता (12.91 प्रतिशत), ओएनजीसी (9.05 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (7.71 प्रतिशत), टाटा स्टील (6.87 प्रतिशत) और टाटा मोटर्स डीवीआर (6.05 प्रतिशत) रही हैं, जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सर्वाधिक घाटा उठानेवाली 5 कंपनियों में टीसीएस (5.45 प्रतिशत), कोटक महिंद्रा बैंक (3.44 प्रतिशत), इंडसइंड बैंक (3.18 प्रतिशत), आईटीसी (1.93 प्रतिशत) और कोल इंडिया (1.7 प्रतिशत) रही हैं।
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