रांची । बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि अन्नदाता छोटे और सीमांत किसानों के हित में केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से झारखंड के 90 प्रतिशत किसानों को सीधा लाभ होगा। राज्य के अधिकतर किसान छोटे जोत वाले हैं। इस योजना में मिली सहयोग राशि से किसानों को खाद, बीज, छोटे कृषि यंत्र और कीटनाशी खरीदने तथा व्यवस्थित बाजार में मदद मिलेगी। इस प्रभावकारी कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के माध्यम से सीधा निवेश होगा। इससे किसानों की आय बढ़ाने तथा रोजगार सृजन को बल मिलेगा। रविवार को वे बीएयू के कृषि संकाय के प्रेक्षागृह में आयोजित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के अवसर पर बोल रहे थे।
कुलपति ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड में कृषि के साथ पशुपालन एवं मछली पालकों को जोड़ने से कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने में मदद मिलेगी। राज्य में बांस खेती की व्यापक संभावनाएं हैं। बांस को जंगली पौधा की जगह खेती से जोड़ने से भी किसानों को एक नया अवसर प्राप्त होगा। इसी तरह राज्य में किसानों की काफी भूमि बंजर एवं बेकार पड़ी है। राज्य में इस तरह की भूमि में सौर उर्जा उत्पादन की काफी संभावनाएं है। इस तकनीक से राज्य के किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
मौके पर निदेशक छात्र कल्याण डॉ. एमएस यादव ने इस योजना को फसल उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपयोगी पहल बताया। इस अवसर पर कृषि अधिष्ठाता डॉ. राघव ठाकुर ने किसानों की बदहाली को दूर करने और किसान परिवार को सम्मान के साथ जीने के लिए किसान हित में बेहतर प्रयास बताया।
इस अवसर पर पिठोरिया और उसके आसपास के गांवों के किसानों में रूपेश कुमार महतो, शिव गोपाल महतो और गीता देवी ने भी अपने विचार को रखा। उन्होंने कहा कि किसानों को लगातार मौसम की मार, ख़राब बीज, कोल्ड स्टोरेज एवं बेहतर बाजार का आभाव तथा कृषि उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इस योजना से किसानों को पहली बार सीधा लाभ मिलने जा रहा है। इससे किसानों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
स्वागत भाषण में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. जगरनाथ उरांव ने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालय मुख्यालय के आलावा राज्य के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में भी किसानों को इस योजना का सीधा प्रसारण देखने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि झारखंड के बहुत कम किसान ही खेती कार्य के लिए लोन लेते हैं। किसानों को कृषि लोन माफ़ी की जगह किसान सम्मान निधि से प्राप्त सहयोग राशि से राज्य के बहुतायत किसानों को लाभ होगा। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. बीके झा ने किया। मौके पर प्रो. डीके रूसिया, डॉ. निभा बाड़ा, डॉ. वायलेरिया लकड़ा, डॉ. सीएस महतो, डॉ. सीएस सिंह सहित सैकड़ों किसान भी मौजूद थे।
कुलपति ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड में कृषि के साथ पशुपालन एवं मछली पालकों को जोड़ने से कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने में मदद मिलेगी। राज्य में बांस खेती की व्यापक संभावनाएं हैं। बांस को जंगली पौधा की जगह खेती से जोड़ने से भी किसानों को एक नया अवसर प्राप्त होगा। इसी तरह राज्य में किसानों की काफी भूमि बंजर एवं बेकार पड़ी है। राज्य में इस तरह की भूमि में सौर उर्जा उत्पादन की काफी संभावनाएं है। इस तकनीक से राज्य के किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
मौके पर निदेशक छात्र कल्याण डॉ. एमएस यादव ने इस योजना को फसल उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपयोगी पहल बताया। इस अवसर पर कृषि अधिष्ठाता डॉ. राघव ठाकुर ने किसानों की बदहाली को दूर करने और किसान परिवार को सम्मान के साथ जीने के लिए किसान हित में बेहतर प्रयास बताया।
इस अवसर पर पिठोरिया और उसके आसपास के गांवों के किसानों में रूपेश कुमार महतो, शिव गोपाल महतो और गीता देवी ने भी अपने विचार को रखा। उन्होंने कहा कि किसानों को लगातार मौसम की मार, ख़राब बीज, कोल्ड स्टोरेज एवं बेहतर बाजार का आभाव तथा कृषि उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इस योजना से किसानों को पहली बार सीधा लाभ मिलने जा रहा है। इससे किसानों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
स्वागत भाषण में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. जगरनाथ उरांव ने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालय मुख्यालय के आलावा राज्य के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में भी किसानों को इस योजना का सीधा प्रसारण देखने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि झारखंड के बहुत कम किसान ही खेती कार्य के लिए लोन लेते हैं। किसानों को कृषि लोन माफ़ी की जगह किसान सम्मान निधि से प्राप्त सहयोग राशि से राज्य के बहुतायत किसानों को लाभ होगा। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. बीके झा ने किया। मौके पर प्रो. डीके रूसिया, डॉ. निभा बाड़ा, डॉ. वायलेरिया लकड़ा, डॉ. सीएस महतो, डॉ. सीएस सिंह सहित सैकड़ों किसान भी मौजूद थे।
This post has already been read 7967 times!