जनता नहीं सजायफ्ता को खुश रखेगा राजद का मेनिफेस्टोः मंगल पांडेय

रांची: झारखंड भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रभारी और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाडेय ने राजद के मेनिफेस्टो को ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ बताया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि राजद का मेनिफेस्टो का यह हाल है कि इस पर अमल होने के बजाय हर बार छल होता है। इसलिए इस बार राज्य की जनता राजद को तिलांजलि ही नहीं देगी, बल्कि पिंडदान भी करेगी। राजद का मेनिफेस्टो झारखंडवासियों के विकास के लिए नहीं बल्कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को खुश करने के लिए है। जेल में बंद एक सजायफ्ता की मर्जी से बना राजद का घोषणा पत्र लोकतंत्र के साथ मजाक है, जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। पांडेय ने कहा कि एक सजायफ्ता के इशारे पर राजद एक बार फिर जल, जंगल और जमीन की दुहाई देकर आदिवासियों को झांसा देने का काम कर रहा है, लेकिन इस बार राज्य की जनता राजद के मायाजाल में फंसने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में झारखंड के आदिवासी भाई- बहनों ने भाजपा के रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में देख लिया कि उनका जल, जंगल और जमीन पूरी तरह से सुरक्षित है। राज्य और केंद्र की सरकार पूर्ण रूप से आदिवासी भाई-बहनों के विकास के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राजद का घोषणा पत्र निजी स्वार्थ और झारखंड का दोहन करने की मानसिकता से प्रेरित है। एक दशक तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सपत्नीक खुशहाल झारखंड को न सिर्फ बदहाल बनाने का काम किया बल्कि झारखंड के कई जिलों में बेजुबान पशुओं का चारा भी खाने का काम किया। तब पति-पत्नी को आदिवासियों की याद नहीं आई। अब जब झारखंड में राजद समाप्त हो चुका है तो अचानक उन्हें झारखंड की चिंता सताने लगी है। पांडेय ने कहा कि राजद अगर मेनिफेस्टो के अनुसार चलता तो दो दशक पहले ही झारखंड की तस्वीर बदल गई होती, लेकिन हर बार मेनिफेस्टो से उलट जनता का उपहास उड़ा शोषण करता रहा। उन्होंने कहा कि लोस चुनाव बाद झारखंड में राजद का कोई नाम लेने वाला नहीं बचेगा। चुनाव बाद राजद की दुकान पूरी तरह से बंद हो जाएगा। जो कुछ बचे हुए लोग हैं, वे भी विकास के साथ जुड़ जाएंगे। राजद भले ही महामिलावटी लोगों से बने तथाकथित महागठबंधन के सहारे चुनावी वैतरनी पार करने का सपना देख रहा हो, लेकिन झारखंड की जनता एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा कर एनडीए की झोली में राज्य की सभी 14 सीटें डालने का काम करेगी।

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