नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस कार्यकाल में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को नकार कर असल में सेना का अपमान कर रहे हैं। साथ ही मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अगर उन्हें छोड़ती न तो ऐसी स्थिति कभी नहीं आती। इस दौरान चौकीदार चोर है वक्तव्य को सुप्रीम कोर्ट से जोड़ने पर राहुल नेे माफी भी मांगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में चार चरणों का मतदान पूरा होने के बाद शनिवार को दिल्ली में प्रेसवार्ता कर कई मुद्दों पर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए राहुल ने कहा कि चुनाव आधा से ज्यादा खत्म हो चुका है। इसमें साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री मोदी चुनाव हार रहे हैं। किसान, भ्रष्टाचार, रोजगार, संस्थाओं पर अतिक्रमण जैसे मुद्दों के चलते भाजपा चुनाव हार रही है। राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है चुनावी स्लोगन को सुप्रीम कोर्ट से जोड़ने के मामले में माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री से माफी नहीं मांग रहे हैं। वह पहले भी चौकीदार चोर है स्लोगन का इस्तेमाल करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हालांकि एक चुनावी सभा में उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट से जोड़ दिया था, जिसके लिए वह माफी मांगते हैं और इस विषय पर न्यायिक प्रक्रिया जारी है। राहुल ने पीएम पर सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि सेना किसी एक व्यक्ति या पार्टी की नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के कार्यकाल में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी ठहराना सेना सहित देश का अपमान है। उन्होंने कहा कि सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने इस बात को कहा था कि सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सेना किसी एक व्यक्ति की नहीं है कांग्रेस उसका राजनीतिकरण नहीं करती। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के साथ पिछले कुछ चुनावों में प्रतिस्पर्धा के दौरान उन्हें स्पष्ट हो गया है कि जब वह हारने लगते हैं तो मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं। गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और आम चुनावों में भी वह यही कर रहे हैं। देश उनकी नीतियों के चलते आर्थिक संकट से जुझ रहा है, जिसके जवाब में कांग्रेस न्याय योजना लाई है। कांग्रेस की न्याय योजना अर्थव्यवस्था में फिर से उर्जा भर देगी। इसके अलावा राहुल ने एक बार फिर राफेल मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि वह उनसे कहीं भी बहस के लिए तैयार हैं। उनके अधिकारी स्वयं लिख रहे हैं कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय समानांतर वार्ता कर रहा था। समानांतर वार्ता का साफ अर्थ है कि कोई पैसे का लेन-देन हो रहा था। राहुल ने पार्टी के घोषणापत्र में किए गए वादों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम बड़े-बड़े नहीं बल्कि स्पष्ट वादे कर रहे हैं कि कितने लोगों को क्या लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को 22 लाख नौकरियां दी जाएंगी, न्याय के माध्यम से गरीब को 72 हजार रुपये सालाना दिए जाएंगे और व्यापारियों के लिए नई जीएसटी व्यवस्था लायी जाएगी।
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