Ranchi : झारखंड में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में शिक्षकों की नयी नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी होगी। परीक्षा में अंक के आधार पर ही मेधा सूची तैयार की जाएगी और उनकी नियुक्ति होगी. शिक्षा विभाग ने शिक्षक नियुक्ति संशोधन नियमावली को अंतिम रूप दे दिया है।
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नियमावली पर सहमति के लिए प्रस्ताव शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के पास भेजा गया है। उनकी सहमति के बाद इसे कैबिनेट में रखा जायेगा। संशोधित नियमावली के अनुसार प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा लेगा. इसमें वहीं अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने झारखंड के किसी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की होगी। इसमें एक ही परीक्षा होगी, जिसमे कोटिवार एक निर्धारित अंक पास करने के लिए रखे जायेंगे. अंकों के आधार पर ही मेधा सूची तैयार की जाएगी और जिलों के स्कूलों में उनकी नियुक्ति होगी। झारखंड के अमर वीर सेनानी ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा
पूर्व में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों के एकेडमिक और शिक्षा पात्रता परीक्षा के परिणाम के आधार पर मेधा सूची जारी की जाती थी। अलग-अलग जिलों में अलग-अलग काउंसिलिंग होने से कई जगहों पर सीटें नहीं भर पायी। इस स्थिति में सरकार ने राज्यभर में एक परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। आवेदन में ही शिक्षकों को अपना जिला अंकित कर देना होगा, जिसके आधार पर उनकी मेधा सूची संबंधित जिलों में ही निकाली जाएगी. राज्य में 2013 के टेट पास 48000 और 2016 के टेट पास 53000 अभ्यर्थी है।
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उधर, शिक्षा विभाग ने शिक्षक पात्रता परीक्षा संशोधित नियमावली के कार्मिक और विधि विभाग से सहमति मिलने के बाद अंतिम सहमति के लिए शिक्षा मंत्री के पास भेजा है. इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा। 2016 में अंतिम शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई थी। इसके बाद 2019 में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली बनायी गयी थी। इस नियमावली के आधार पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल को टेट परीक्षा के आयोजन का निर्देश दिया गया था, लेकिन नियमावली में कई आपत्ति सामने आने के बाद इसका आयोजन नहीं हो सका।
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