ऐसे रोमांचक डेस्टिनेशंस की प्लानिंग करें दोस्तो, घूमना लर्निंग का बेहतरीन तरीका माना जाता है।… तो समर वैकेशन में क्यों न ऐसे रोमांचक डेस्टिनेशंस की प्लानिंग करें, जहां देखने जानने को बहुत कुछ हो। काजीरंगा नेशनल पार्क यह नेशनल पार्क एक सींग वाले गैंडे (राइनोसेरोस) के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां पर गैंडे की आबादी सबसे अधिक है। असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित इस पार्क में गैंडे के साथ-साथ हाथी, चीता, बाघ, हिरण, डॉल्फिन, सांभर आदि देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं, यहां पर पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियां भी देखने को मिल जाएंगी। हाथी पर बैठकर पार्क की सैर और जंगली जानवरों को करीब से देखने का रोमांच ही कुछ और है। इस पार्क को दिसंबर 1985 में वल्र्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता मिली। मानस वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी यह सैंक्चुअरी भी असम में ही स्थित है। इसे वल्र्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व, एलिफैंट रिजर्व आदि भी घोषित किया गया है। यह पार्क अपनी जैव विविधता के लिए मशहूर है। यहां आने के बाद जैव विविधता को करीब से महसूस कर पाएंगे। इस सैंक्चुअरी में एक सींग वाले गैंडे के साथ हिमालयन भालू, बाघ, पिग्मी हॉग आसानी से दिखाई दे जाएंगे।
इसके अलावा, यह कई लुप्तप्राय जानवरों का घर भी है। पानी में रहने वाले भैंसें भी यहां बड़ी संख्या में दिखाई दे जाएंगे। यहां आने के बाद आप जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं। इसे दिसंबर 1985 में वल्र्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता मिली। केवलादेव नेशनल पार्क अगर पक्षियों को देखना हो, तो केवलादेव नेशनल पार्क (राजस्थान) से बेहतर जगह और क्या हो सकती है। 1982 में भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी को नेशनल पार्क घोषित किया गया। इसका नाम बदलकर केवलादेव घना नेशनल पार्क रखा गया।इस पार्क में पक्षियों की लगभग 364 किस्मों का प्राकृतिक आवास है। इसके अलावा, यहां कछुओं, मछलियों, उभयचरों की कई किस्में पाई जाती हैं। पक्षियों के अलावा, काला हिरन, पायथन, सांभर, हिरण और नीलगाय भी देख सकते हैं। यहां फूलों की भी अलग-अलग किस्में पाई जाती हैं। वेस्टर्न घाट अगर पहाड़ों की सैर पसंद है, तो वेस्टर्न घाट के पहाड़ देख सकते हैं। ये पहाड़ हिमालय के पहाड़ से भी पुराने हैं। करीब 1600 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न घाट की रेंज गुजरात से शुरू होकर महाराष्ट्र, कर्नाटक होती हुई गोवा और केरल तक फैली है और कन्याकुमारी इसका अंतिम छोर है। जैव विविधता के लिहाज से यह काफी संपन्न क्षेत्र है। यहां पर प्लांट की 229, मैमल की 31, बर्ड की 15, एम्फिबियन की 43 और रेप्टाइल की 5 प्रजातियां पाई जाती हैं। यह माउंटेन रेंज कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये रेंज मानसून की स्थिति तक को प्रभावित करते हैं। यहां दौडने वाली कोंकण रेलवे में सफर करना एक खूबसूरत एहसास होगा। 2012 में इसे वल्र्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता मिली।
सुंदरबन नेशनल पार्क अगर रॉयल बंगाल टाइगर को करीब से देखना हो, तो पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरबन डेल्टा क्षेत्र में स्थित इस पार्क की सैर कर सकते हैं। सुंदरबन नेशनल पार्क दो प्रमुख नदियों ब्रह्मपुत्र और गंगा से घिरा हुआ है। यह नेशनल पार्क मैंग्रोव जंगल (दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव जंगल) से घिरा है। यहां पर टाइगर के साथ-साथ आपको चीतल, हिरण, जंगली बंदर देखने को मिलेंगे। वर्ष 1987 में इसे वल्र्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला। नंदा देवी नेशनल पार्क नंदा देवी नेशनल पार्क उत्तराखंड के नंदा देवी पर्वत पर स्थित है। इसी क्षेत्र में वैली ऑफ फ्लावर नेशनल पार्क भी है। यह अल्पाइन के फूलों और हरे-भरे घास के मैदान के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहां लुप्तप्राय जानवर, जैसे-एशियाटिक ब्लैक बियर, स्नो लैपर्ड, ब्राउन बियर और ब्लू शीप भी पाए जाते हैं। आमतौर पर फूलों की यह घाटी जून से लेकर सिंतबर तक खुलती है। नंदा देवी नेशनल पार्क और वैली ऑफ द्ब्रलावर को सम्मिलित रूप से 1988 में वल्र्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश के कुल्लू क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है। यहां पर भालू, कस्तूरी मृग, हिम तेंदुए, हिमालयन थार देखे जा सकते हैं। पार्क फूलों की कई प्रजातियों का घर भी है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कंजर्वेशन एरिया वल्र्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल है।
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