वित्तीय जरूरतों के लिए तीसरी बार कर्ज लेने की तैयारी में कमलनाथ सरकार

भोपाल ।  मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों की कर्जमाफी योजना लागू कर दी गई। इससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है। कर्जमाफी योजना के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से एक हजार करोड़ का कर्ज लिया था, लेकिन सरकारी खजाना खाली होने की वजह से सरकारी कर्मियों के वेतन-भत्ते आदि की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इसीलिए अब वित्तीय  जरूरतों की पूर्ति के लिए फिर से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार  को सत्ता में आए अभी डेढ़   महीना ही हुआ है। सत्ता में आते ही कांग्रेस की सरकार ने अपने वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए धड़ाधड़ फैसले लिए   और किसान कर्जमाफी के साथ-साथ विभिन्न   योजनाओं के तहत प्रोत्साहन राशि और अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन में इजाफा कर दिया। इससे सरकार के खजाने पर भारी बोझ बढ़ गया। कमलनाथ सरकार डेढ़ महीने में दो बार ब्याज पर कर्ज ले चुकी है। पहले सरकार ने 1600 करोड़ और दूसरी बार हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया था। तब यह दलील दी गई थी कि कर्जमाफी योजना के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है। वित्त विभाग से जानकारी मिली है कि   सरकार ने अब तीसरी बार एक हजार करोड़ रुपये ब्याज पर उधार लेने की तैयारी कर ली है। इसके लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार लिया गया है   । बताया जा रहा है कि इसके लिए अगले मंगलवार तक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। जानकारी मिली है कि इस राशि का उपयोग कर्मचारियों के वेतन-भत्तों समेत अन्य वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा।

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