Sandeep Pathak : Senior Sub-Editor AVNPost.com
आज के समय में लोग अक्सर कुछ करने की तो सोचते हैं। लेकिन, सोचते ही रह जाते हैं या कोशिश करते-करते बीच में उसे छोड़ देते हैं। ऐसे में जसप्रीत कौर बोधराज ने ‘जर्नी फ्रॉम आई कैन टू आई डीड’ किताब लिख कर एक कीर्तिमान हासिल किया है और लोगों में एक नयी ऊर्जा प्रदान की है। अगर आपको पता नहीं है, तो हम आपको बता दें कि जसप्रीत सिर्फ 25 वर्ष की हैं और उन्होंने कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए एक किताब लिख डाली। सबसे पहले तो मैं बता दूं कि इस किताब में झारखंड के 21 ऐसे नामचीन चेहरों की कहानी है, जो अपने जीवन में संघर्ष करते हुए आज एक अच्छे मुकाम पर खड़े हैं। इस किताब को लिखने में जसप्रीत को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पहले तो उन सभी 21 लोगों से एक-एक कर मुलाकात करनी पड़ी, फिर उनसे उनके जीवन के उतार-चढ़ाव के बारे में जानने के बाद उन चरित्रों को एक किताब के रूप में पिरोया गया है। आपको बता दें कि जसप्रीत एक शिक्षक और ‘आॅरेटर्स स्क्वार्ड’ की पर्सनल डेवलपमेंट कोच भी हैं। वह रांची में अपनी एक कोचिंग इंस्टिट्यूट भी चलाती हैं। आइये, अब बात करते हैं ‘जर्नी फ्रॉम आई कैन टू आई डीड’ किताब की। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस किताब में ऐसा है क्या? तो आइये आपको ले चलते हैं किताब के अंदर के चरित्रों के पास :-
- अधिवक्ता राजीव रंजन : द लॉ रिफॉर्मर
- चार्टेड अकॉउंटेंट गुरप्रीत कौर : द अनडिस्कवर्ड हर्डलर
- डॉ. विनय कुमार धंधानिया : द एनालिटिकल लाइफ सेवर
- आईएएस नैंसी सहाय : द पेर्स्पिकासियस माइंड
- लेफ्टिनेंट जर्नल ज्ञान भूषण : द मैन आॅफ वेलोर
- मास्टर आर्यन पात्रा : हिप-हॉप की दुकान
- मेयर आशा लकड़ा : द इम्पॉवर्ड रिफॉर्मर
- अतुल गर्ग : गॉडस मिरेकल
- कृष्णा भारद्वाज : आकाशवाणी टू मेनस्ट्रीम टीवी एक्टर
- नयन शौर्य : द सीकर टू ट्रेजर्स
- पुनीत कुमार पोद्दार : एन आॅटोमोबाइल बैरन
- संजय ब्रह्मचारी : द मॉडर्न मोंक
- सिद्धार्थ जैसवाल : एन आर्गेनिक प्रीचर
- विष्णु मोहन : द नेचुरल ट्रांसफार्मर
- गार्गी मंजू : द वंडर वीमेन
- पूनम आनंद : अ फिलांथ्रोपिस्ट एट हार्ट
- अलीशा सिंह : रांची की राजकुमारी
- रश्मि साहा : द पैड वीमेन
- नाजिआ नसीम : द वॉइस आॅफ वीमेन
- प्रोफेसर एन.पी. सिंह : अ डार्क हॉर्स
- सी.पी. सिंह : पीपल्स पर्सन
इन 21 आम से खास हुए चेहरे हैं, जिनकी बचपन से अब तक के जीवन को संछिप्त में दर्शाया गया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस किताब में जितने भी नाम हैं, वे सभी रांची से ताल्लुक रखते हैं और बहुत ही परिश्रम के बाद इस मुकाम में पहुंचे हैं। सभी का जीवन बहुत ही कठिन रहा है और जीवन में बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ा है। इस किताब में इनकी सभी संघर्षों और इनकी जीवनी को बहुत ही उम्दा अंदाज में दिखाया गया है। ‘जर्नी फ्रॉम आई कैन टू आई डीड’ एक बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक किताब है। हम आपको इसे पढ़ने की सलाह जरूर देंगे। इस किताब को पढ़ें और अपने संघर्ष को और रफ़्तार दें।
…तो अभी हमने इस किताब के चरित्रों के नाम को जाना। ये किताब अंग्रेजी में है और इसका हिन्दी संस्करण बाजार में उपलब्ध नहीं है हो सकता है। हिन्दी संस्करण केलिए आपको थोड़ा इंतजार करना पड़े। इस किताब की कीमत की बात करें, तो 799 रुपये में ये किताब आप आॅनलाइन खरीद सकते हैं। ये किताब फ्लिपकार्ट, अमेजन और अमेजन किंडल में उपलब्ध है, अमेजन किंडल में डिजिटल एडिशन की कीमत 365 रुपये है। कुछ चुनिंदा बुक डीलर्स के पास भी यह आपको मिल जायेगी।
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