बीकानेर। भारत और फ्रांस की सेना एक बार फिर एशिया की सबसे बड़ी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विदेशी प्रशिक्षण नोड में 31 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक संयुक्त युद्धाभ्यास ‘शक्ति-2019’ करेगी। इसके लिए फ्रांसीसी सेना की एक टुकड़ी शनिवार, 26 अक्टूबर को यहां पहुंच जाएगी। रक्षा प्रवक्ता कर्नल सम्बित घोष ने बताया कि भारत और फ्रांस के बीच एक्सरसाइज शक्ति की शुरुआत आठ वर्ष पूर्व 2011 में हुई थी। यह एक द्विवार्षिक एक्सरसाइज है और इसे भारत और फ्रांस में बारी-बारी से आयोजित किया जाता रहा है। सप्त शक्ति कमान की सिख रेजिमेंट की एक टुकड़ी इस एक्सरसाइज में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करेगी। फ्रांसीसी सेना का प्रतिनिधित्व फ्रांसीसी सेना के 6वें बख्तरबंद ब्रिगेड की 21वीं समुद्री इंफेंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एक्सरसाइज संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशानुसार रेगिस्तानी इलाके में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर केंद्रित होगी। यह एक्सरसाइज मुख्य रूप से उच्च स्तर की शारीरिक क्षमता, सामरिक स्तर पर अभ्यास को साझा करने और एक-दूसरे के हुनर को सीखने पर केंद्रित होगी। इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतरसंक्रियता को बढ़ाना है। युद्धाभ्यास शक्ति-2019 का समापन 36 घण्टे लम्बी एक्सरसाइज के साथ होगा, जिसमें एक गांव में छिपे आतंकियों को ढूंढ़कर मार गिराया जाएगा।
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