एचआरडी मंत्रालय के आदेश पर भी स्कूलों ने नहीं मनाया करगिल विजय दिवस

बेगूसराय। शिक्षा विभाग में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। यहां हालत यह है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेशों का भी असर सिर्फ कागज पर होता है। मामला करगिल विजय दिवस समारोह का है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने  आदेश दिया  था कि सभी स्कूलों में 20 से 31 जुलाई तक करगिल विजय दिवस की  20 वीं वर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों से युक्त कार्यक्रम होंगे। इसके तहत पेंटिंग, लेख एवं डिबेट किया जाना था। साथ ही विद्यालयों में करगिल गान का भी गायन किया जाना था। उद्देश्य था कि करगिल गान और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चे इस जीत को समझ सकें। शुक्रवार 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है  लेकिन किसी स्कूल में कार्यक्रम आयोजित करना तो दूर इससे संबंधित आदेश तक भी नहीं पहुंच सका। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव के  17 जुलाई को जारी आदेश के आलोक में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में 25 जुलाई को आदेश जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों  एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को कार्यक्रम क्रियान्वित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही पांच अगस्त तक एक्शन रिपोर्ट फोटो के साथ जमा किया जाना हैं  लेकिन बेगूसराय के किसी भी विद्यालय को   यह चिट्ठी नहीं भेजी गई। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी देवेंद्र कुमार झा का कहना है कि 25 जुलाई को वे मुख्यालय से बाहर थे। पत्र की जानकारी नहीं है, अगर पत्र मिलता है तो सभी विद्यालयों को निर्देश दिया जाएगा। फिलहाल मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव द्वारा जारी पत्र के आठ दिनों बाद राज्य परियोजना निदेशक द्वारा 25 जुलाई को आदेश जारी कर 20 से 31 जुलाई तक कार्यक्रम आयोजित करने से संबंधित पत्र वायरल होते ही चर्चा का विषय बन गया है। लोगों का कहना है कि जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय का आदेश सिर्फ कागज में घूमता  रहता है तो मानव संसाधन का विकास आखिर होगा कैसे। शिक्षा विभाग ही जब देश की रक्षा करने में शहीद हुए वीरों का ऐसा अपमान कर रहा  है तो बच्चों को कैसी शिक्षा मिलेगी सैनिक के सम्मान की।

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