नरेंद्र मोदी पुनः एक बार अभियान को लेकर गुजरात से सौ युवा वोटराें का दल खूंटी पहुंचा

नरेंद्र मोदी पुनः एक बार अभियान को लेकर गुजरात से सौ युवा वोटराेंं का दल मंगलवार को खूंटी पहुंचा। ये युवा नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाने को लेकर मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवार अर्जुन मुंडा के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे। ये युवा मतदाता छह मई को सबसे पहले अपने-अपने गांवों में जाकर सबसे वोट डालेंगे। जानकारी के अनुसार सांसद कड़िया मुंडा ने पिछले कई वर्षो से खूंटी सहित अन्य ग्रामीण इलाकों के उन जनजातीय बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भेजते रहे हैं, जिनके माता-पिता नहीं है या फिर दोनों में से कोई एक नहीं है। गुजरात में विश्व जागृति मिशन में ये बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आज उच्च शिक्षा पाकर कई जनजातीय युवक अच्छे-अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं। गुजरात के सुधरी भाई बसावा और गोविंद गामड़ ने उन्हें रवाना किया। गुजरात में शिक्षा ग्रहण कर रहे उलिहातू गांव के जगदेव मुंडा, गट्टीगड़ा के बिरसा मुंडा, पोटोपगड़ा के सोहन मंगल मुंडा, तोरपा के जुनास पतरस टोपनो सहित अन्य युवाओं ने बताया कि वे काफी गरीब परिवार से आते हैं, पर पढ़ाई-लिखाई में ठीक हैं। सांसद कड़िया मुंडा के प्रयास से आज वे गुजरात में अच्छी शिक्षा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात सहित पूरे भारत के विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को जो उपलब्धि दिलायी है, इसे बरकरार रखने और तेज विकास के लिए एक बार फिर हमें नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है। इसी को लेकर युवाओं ने नरेंद्र मोदी पुनः एक बार अभियान की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा को विजयी बनाने को लेकर अपने गांव के अलावा दूसरे गांवों में भी चुनाव प्रचार करेंगे। ग्रामीणों को युवा बतायेंगे कि पांच साल में गांवों का कितना विकास हुआ, वह 70 साल में क्यों नहीं हुआ।
संस्था का उद्देश्य धर्मनिरपेक्षता व गरीबों का विकास: संजय सूर्यवंशी
युवा वोटरों को गुजरात से खूंटी लेकर आये विश्व जागृति मिशन के संजय सूर्यवंशी ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि संस्था का संचालन गुजरात के सूरत में स्वामी सुधांशु जी महाराज की देखरेख में होता है। उन्होंने कहा कि विश्व जागृति मिशन का उद्देरूा धर्मनिरपेक्षता के साथ गरीबों का विकास है। उन्होंने कहा कि खूंटी के 56 बच्चे संस्था में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। अभी भी कई बच्चे वहां पढ़ रहे हैं। जनजातीय समाज कई युवा संस्था में शिक्षा ग्रहण करने के बाद सरकारी और निजी नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्था में नामांकन में सबसे अधिक प्राथमिकता अनाथ और गरीब बच्चों को दी जाती है। जिन बच्चों के पिता या माता दोनों में से कोई एक न हो, ऐसे बच्चों को भी संस्था में दाखिला लिया जाता है। संजय सूर्यवंशी ने बताया कि वहां रहने-खाने और पढ़ाई-लिखाई के निःशुल्क है। उन्होंने कहा कि संस्था में दाखिले के लिए जाति या धर्म का कोई बंधन नहीं है। कोई भी गरीब और अनाथ बच्चा वहां शिक्षा ग्रहण कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज कई जनजातीय बच्चे अच्छे पदों पर नौकरी कर रहे हैं, तो इसका श्रेय जाता है खूंटी के समाजसेवी डाॅ निर्मल सिंह को जिन्होंने उन्हें मार्ग दिखाया।

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