बजट में घोषित नीतियों से प्रभावित होने वाले वर्गों से सरकार करे विमर्श : बीएमएस

नई दिल्ली। भारतीय मजदूर संघ ने बजट में सरकार की आधारभूत ढांचे के विकास और महिलाओं को आर्थिक सहायता जैसे उपायों का स्वागत करते हुए कहा है कि भावी आर्थिक नीतियों से प्रभावित होने वाले वर्गों और मजदूर संघों के साथ विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। नारायण ने यह भी कहा है कि बजट में कुछ प्रस्तावों एफडीआई नीति, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में विनिवेश व पीपीपी, मत्स्य विभाग, पीएसयू बैंकों का एकीकरण, “एक राष्ट्र एक ग्रिड”, पेट्रोल या डीजल की कीमत में वृद्धि का उल्लेख किया गया है। इन्हें लागू करने से पहले प्रभावित होने वाले प्रमुख हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रेड यूनियनों के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है। शुक्रवार को भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष सीके सज्जी नारायण ने कहा है कि स्पलिमेंटरी और इन्क्रीमेंटल बजट होने के नाते सरकार के पास इस बजट में ज्यादा कुछ करने का विकल्प नहीं थे। उन्होंने कहा कि बजट केवल श्रम संहिता के बारे में एक उल्लेख करता है। पहले से ही सरकार ने आश्वासन दिया है कि ट्रेड यूनियनों के साथ विचार-विमर्श करके और श्रमिकों की चिंताओं पर विचार करके श्रम संहिता को आगे बढ़ाते हुए तालमेल की भावना प्रदर्शित की जाएगी।

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