आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर न करे भारत सरकार: स्वदेशी जागरण मंच

पाकुड़। स्वदेशी जागरण मंच की पाकुड़ जिला इकाई ने डीसी कुलदीप चौधरी के माध्यम से गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेज कर मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर न करने की मांग की है। जिला संयोजक प्रदीप कुमार जायसवाल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने डीसी को ज्ञापन सौंपा।

मौके पर मंच के प्रांत प्रचार प्रमुख सह राष्ट्रीय परिषद सदस्य दिगेश त्रिवेदी ने कहा कि इस समझौते के तहत तकरीबन 85 फीसदी वस्तुओं पर से आयात शुल्क हटाए जाने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर यह समझौता हो जाता है तो हमारे देश के उद्योगों, खासकर कर कृषि व डेयरी के क्षेत्र पर भीषण प्रतिकूल व दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। फलस्वरूप हमारे घरेलू उत्पादन तो प्रभावित होंगे। साथ ही नई क्षमताओं व संभावनाओं के भी द्वार बंद हो जायेंगे। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया जा रहा मेक इन इंडिया कार्यक्रम भी बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय से सस्ते चीनी उत्पादों के चलते हमारे अधिकांश उद्योग या तो बंद हो चुके हैं या फिर मंदी की मार झेलते हुए बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में मुक्त व्यापार समझौते के तहत आने वाले 80-85 फीसदी आयातित उत्पादों के नि:शुल्क होने से हमारे उद्योग तबाह हो जायेंगे और बेरोजगारी चरम पर पहुंच जाएगी।

उन्होंने कहा कि आज अकेले डेयरी क्षेत्र में देश में तकरीबन 10 करोड़ लोगों को पर्याप्त रोजगार मिल रहा है। जिसमें सर्वाधिक संख्या महिलाओं की है। आज देश 150 मिलियन टन दूध का उत्पादन कर आत्मनिर्भर है। समझौते के बाद वह भी खत्म हो जाएगी।साथ ही निवेश व बौद्धिक संपदा के बावत बरती जाने वाली प्रतिबद्धताओं के चलते विदेशी मुद्रा का ह्रास भी झेलना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार को अफसरशाही गुमराह कर रही है।

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