नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को 21 भ्रष्ट आयकर अधिकारियों को जबरन रिटायर (सेवानृवित) कर दिया है। वित्त मंत्रालय से जुड़े एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर यह कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने इन अधिकारियों पर फंडामेंटल रूल-56(जे) के तहत कार्रवाई की है। ये सभी अधिकारी ग्रुप-बी स्तर के आयकर अफसर हैं। इससे पहले भी भ्रष्टाचार में लिप्त आयकर अधिकारियों को केंद्र सरकार ने जबरन सेवानिवृत्त किया था।
उल्लेखनीय है कि जून से लेकर अभी तक यह पांचवा मौका है जब सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त आयकर अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। इन 21 अधिकारियों को मिलाकर अभी तक कुल 85 आयकर अधिकारियों को रिटायर किया गया है, जिसमें 64 हाई रैंक के आयकर अधिकारी हैं।
इसके अलावा इनमें 12 केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारी भी शामिल हैं।
सरकार ने जिन 21 आयकर अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है, उसमें चौधरी राजाश्री, आईटीओ (आईएपी), राजामुंद्री; बी. श्रीनिवास राव, टीआरओ-1, विशाखापत्तनम; जी. वेंकटेश्वरा राव, आईटीओ, वार्ड-12(1) हैदराबाद; पी. वेंकटेश्वरा राव, आईटीओ, एमएसटीयू, विशाखापत्तनम; लक्ष्मी नीरजा, आईटीओ; विनोद कुमार पाल, तत्कालीन आईटीओ, वार्ड-2(1), हजारीबाग; तरुण रॉय, आईटीओ, हजारीबाग; प्रीथा बाबूकुट्टन, आईटीओ, मुंबई; विजय कुमार कोहाद, आईटीओ (वर्तमान में आईटीओ, आईटीएटी मुंबई); टी.वी. मोहन, आईटीओ, (वर्तमान में सीआईटी, मुंबई); अनिल मल्लैल, आईटीओ, थाणे; माधवी चव्हाण, आईटीओ, थाणे; एम.डी. जगादले, आईटीओ (वर्तमान में आईटीओ नागपुर मुख्यालय); राजेंद्र सिंघल, आईटीओ टेक-2, राजकोट; जेबी सिंह, आईटीओ, गुजरात; आर.के बोथरा, आईटीओ (वर्तमान में टीआरओ, सीआईटी-1 जोधपुर); एस. सिसोदिया, तत्कालीन आईटीओ, टीडीएस-2 जोधपुर; के.एल. मीना, तत्कालीन आईटीओ, वार्ड-1, सवाई माधोपुर; एच.के. फुलवारिया, तत्कालीन आईटीओ, वार्ड-3(1) बीकानेर; अजय विराह, आईटीओ, उज्जैन और आर.सी. गुप्ता, आईटीओ (अंडर सस्पेंशन) शामिल हैं।
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