कराची : पाकिस्तान से वर्ष 2015 में अपने माता-पिता की खोज में भारत लौटी मूक-बधिर गीता को अपनी असली मां महाराष्ट्र में मिल गई है। यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया ने बुधवार को दी है।
ईधी वेलफेयर ट्रस्ट का संचालन करने वाले दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी ने बताया कि गीता को आखिरकार महाराष्ट्र में अपनी असली मां मिल गई है। उन्होंने बताया, ‘वह मेरे संपर्क में है और इस सप्ताहांत अपनी असली मां से मिलने के बारे में अच्छी खबर सुनाई। गीता का असली नाम राधा वाघमारे है और उसे महाराष्ट्र के नायगांव में अपनी मां मिल गई है।’
बिलकिस को गीता एक रेलवे स्टेशन पर तब मिली थी जब वह करीब 11-12 साल की थी और उन्होंने कराची स्थित अपने सेंटर पर आश्रय दिया था। 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से उसे भारत लाया गया था। बिलकिस ने बताया कि गीता को अपने असली मां-बाप का पता लगाने में करीब साढ़े चार साल का समय लग गया और डीएनए टेस्ट के जरिये इसकी पुष्टि भी हो गई है।
उन्होंने बताया कि गीता ने अपनी मां को पहचान लिया है और अब वह नायगांव में अपने परिवार के साथ रह रही है। उसके जैविक पिता की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी इसलिए उसकी मां मीना ने पुनर्विवाह कर लिया है। बिलकिस ईधी ने कहा कि गीता उनकी बेटी की तरह थी और वह इस बात से खुश हैं कि उसे उसका अपना असली परिवार मिल गया है।
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