नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी(प्रबंध समिति) के लिए जल्द से जल्द नामों की सूची जारी कर विश्वविद्यालय को भेजे ताकि कॉलेजों का काम बाधित न हो। पिछले डेढ़ माह से कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं है। इससे एडहॉक शिक्षकों के नियुक्ति पत्र को मंजूरी सहित तमाम तरह के प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे हैं।
डीयू के संयुक्त कुलसचिव ने दिल्ली सरकार के प्रशासनिक अधिकारी(उच्च शिक्षा) को पत्र लिखकर सरकार के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के लोगों के नाम जल्द से जल्द भेजने का अनुरोध किया है। पत्र में लिखा है इससे पहले भी दिल्ली सरकार को नाम भेजने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
पत्र में कहा गया है कि गवर्निंग बॉडी(प्रबंध समिति) में 50 प्रतिशत नाम दिल्ली सरकार के लोगों के नाम होंगे और 50 प्रतिशत विश्वविद्यालय के ऑडिनेन्स(अधिनियम) के हिसाब से भेजे जाएंगे। इसके अलावा दो नाम विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के होते हैं, ये प्रतिनिधि प्रोफेसर रेंक के होते हैं।
पत्र में लिखा है कि 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी वर्ष 2019-20 के लिए जल्द से जल्द बनानी है इसलिए कार्यलय को पत्र के मिलते ही गवर्निंग बॉडी के लिए पैनल के नाम जल्द भेजे। पैनल में 188 लोगों के नाम दिए जाते हैं उसी पैनल से लोगों को रखा जाता है। दिल्ली सरकार के पैनल से प्रत्येक कॉलेज के लिए पांच नामों की संस्तुति की जाती है, इस तरह से 28 कॉलेजों के लिए 140 लोगों की आवश्यकता होती है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं है। गवर्निंग बॉडी के नहीं होने से शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति, पदोन्नति के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन, कॉलेज के संसाधन रुक जाते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने अपने 28 कॉलेजों का अनुदान बंद करने संबंधी दिल्ली विश्वविद्यालय को पत्र लिखा है। यदि सरकार ऐसा करती है तो मई महीने की तनख्वाह के अलावा कई तरह के कॉलेज के सामने संकट आ सकते हैं।
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