सिवनी। जिले में हर साल की तरह इस वर्ष भी पेयजल संकट की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन व लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पेयजल संकट की समस्या से निजात पाने के लिए निजी स्रोतों व समूह नलजल योजना के माध्यम से क्रियान्वयन कर रहा है। जिले के 8 विकासखंडों सिवनी, लखनादौन, कुरई , छपारा, घंसौर, बरघाट, कुरई, केवलारी में 645 ग्राम पंचायतें व 1582 ग्राम हैं, जिनमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सिवनी 914 जल प्रदाय योजनाओं में 136 योजनाएं स्रोत सूख जाने के कारण बंद पड़ी हुई हैं और 778 योजनाओं के माध्यम से पेयजल आपूर्ति किये जाने के प्रयास जारी है।
नियमित टीम व मोबाइल टीम से कर रहे पानी का आंकलन
जिले में गर्मी के चलते पेयजल व्यवस्था सुचारू बनाने के प्रयास पीएचई विभाग ने विकासखंड स्तर पर नियमित टीम के अलावा मोबाइल टीम बना रखी है, जो कि क्षेत्र में जाकर पानी की व्यवस्था का आंकलन करता है तथा ग्रामीण अंचलों में हैंडपंप संधारण का कार्य को भी व्यवस्थित बनायें रखती है। जिले के नगरीय क्षेत्र सिवनी, बरघाट व लखनादौन में पेयजल की स्थिति लगभग ठीक है।
नगरीय क्षेत्र में है सामान्य स्थिति
जिले में गहराते पेयजल संकट की समस्या से निजात पाने के लिए प्रशासन सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का दल विकासखंड स्तर पर मानीटिरिंग कर रहा है। सिवनी जिले में पानी का जल स्तर नीचे जाने के कारण हैंडपंप जबाब दे चुके हैं, वही प्रशासन अब स्रोत समाप्त होने की स्थिति में क्षेत्रवासियों के निजी स्रोतों को अधिग्रहित कर पेयजल की व्यवस्था बनाने में जुटा हुआ है। जिले में तीन नगरीय क्षेत्र सिवनी, बरघाट व लखनादौन में पेयजल वितरण की स्थिति सामान्य बताई गई है।
बंद स्रोतों में किये गये सफल नलकूप
पेयजल संकट से निपटने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत वर्ष 2019 के माह जनवरी से मई तक कुल 197 सफल नलकूप खनन किये गये हैं। ये खनन उन स्थानों में किए गए है, जहां के पेयजल स्रोत या तो सूख गए है या नलकूपों की जल आवक क्षमता कम हो गई है।
पेयजल परिवहन की स्थिति में जिला
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सिवनी के अनुसार जिले में 22 ग्राम व बसाहटें ऐसी है, जहां पर पानी के स्रोत सूख गये या पूर्णत समाप्त हो गये यहां पर ग्रामीणों के पेयजल व्यवस्था के लिए क्षेत्र के ही निजी पेयजल स्रोतों को अधिग्रहित किया है तथा उन स्रोतों से गांव के ही कुंओं में पानी लाकर भरा जा रहा है और कुंओ से ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। सिवनी जिले में सार्वजानिक कुंए 80 प्रतिशत सूख चुके है तथा 20 प्रतिशत कुंओं कम मात्रा में पानी उपलब्ध है। जानकारी के अनुसार सिवनी जल निगम के द्वारा पांच ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना स्वीकृत की गई है जिसमें से घंसौर विकासखंड अंतर्गत झुरकी ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना का कार्य पूर्ण किया जाकर 15 ग्रामों के लोगों के लिए पेयजल व्यवस्था की गई है इसके अलावा 4 अन्य समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगति पर है। इनका कहना है
आदिवासी विकासखंड घंसौर के 9 ग्रामों व लखनादौन विकासखंड में पेयजल स्रोत न होने की स्थिति में पानी परिवहन की अनुमति एसडीएम द्वारा दी गई है। ताकि ग्रामीण अंचलों में पेयजल व्यवस्था बन सके। जलसंग्रहण के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है जहां तालाबों के गहरीकरण, तालाब सुधार व कूप निर्माण के कार्य चल रहे है ताकि आगामी बारिश में पानी संग्रहित हो सकें।
प्रवीण सिंह अढायच, जिला कलेक्टर सिवनी
जिले को 2 जनवरी 2019 से जल अभ्रावग्रस्त घोषित किया जा चुका है तथा पेयजल व्यवस्था सामान्य होने के बाद ही यह प्रतिबंध हटाया जाएगा। ग्रामीणों अंचलों में ऐसी बसाहटें जहां 300 मीटर के दायरे में पेयजल व्यवस्था नहीं है, वहां पर प्राथमिकता के आधार पर नलकूप खनन विभागीय तौर पर कराये जा रहे हैं। इसके बाद भी यदि नलकूप खनन में पानी नही मिलता, तो क्षेत्रीय जनपद पंचायत व पीएचई विभाग के सहायक यंत्रियों के परीक्षण उपरांत ग्राम पंचायतों के पारित प्रस्ताव अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेयजल परिवहन की अनुमति दे रहे हैं। विगत तीन वर्षो मे भूगर्भीय संरचना के अनुसार जिले में कठोर चट्टाने है ग्रेनाइट और बेसाल्ट है जिनके कारण पानी रिचार्ज नहीं होता है। इस कारण जिले में विगत तीन वर्षों में औसत रूप से 35 प्रतिशत वर्षा कम हुई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुसार जिले में 13000 हैंडपंप है उसमें से 1600 सूख गए। पेयजल व्यवस्था के लिए हर तरह से चाहे प्रायवेट हो सरकारी रूप से व्यवस्थाएं की जा रही है।
विनोद तिवारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग संभाग सिवनी
This post has already been read 8465 times!