प्रतिबंध के बावजूद झारखंड में बिक रही मैथन से पकड़ी गई थाई मांगुर मछली…

धनबाद : झारखंड के कई शहरों में प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति की मछली बिक रही है. थाई मांगुर की बिक्री पर केंद्र सरकार के साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी रोक लगा रखी है. इससे स्थानीय प्रजाति की मछलियों के नष्ट होने का खतरा है. थाई मांगुर मांस खानेवाली मछली है. यह बड़े-बड़े मांस के टुकड़े को भी खा जाती है. इसका पालन वैसे स्थान पर होता है, जहां स्लॉटर हाउस ज्यादा हैं.

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स्लॉटर हाउस के आसपास की गंदगी को यह खा जाती है.राजधानी के चौक-चौराहों पर भी यह मछली बिकती है. एक सप्ताह पहले धनबाद के मैथन में चार टन थाई मांगुर पकड़ी गयी थी. मामले में चार लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी. भारत सरकार द्वारा वर्ष 2000 में थाई मांगुर के पालन, विपणन और संवर्धन पर प्रतिबंध लगाया गया था. मछली पालक अधिक मुनाफे के फेर में तालाबों और नदियों में प्रतिबंधित थाई मांगुर को पाल रहे हैं, क्योंकि यह मछली चार महीने में ढाई से तीन किलो तक की हो जाती है, जो बाजार में करीब 150-160 रुपये किलो मिल जाती है. इस मछली में 80 फीसदी लेड और आयरन के तत्व पाये जाते हैं.

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बंगाल के रास्ते आ रहा झारखंड में :
बांग्लादेश में भी थाईमांगुर मछली का उत्पादन ज्यादा होता है. वहां से बंगाल के रास्ते यह झारखंड आता है. झारखंड में कई लोग इसकी तस्करी भी कर रहे हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि यह बड़े-बड़े सांप को भी खा जाती है.

लोहरदगा के नंदनी रिजर्वायर में है मौजूद :
लोहरदगा के नंदनी रिजर्वायर में बड़ी संख्या में यह मछली है. इसे खत्म करने के लिए मत्स्य विभाग ने प्रयास शुरू कर दिया है. कोशिश की जा रही है कि वहां से मछली निकाल कर कोई बाहर नहीं ले जाये.

क्या है थाई मांगुर
थाई मांगुर का वैज्ञानिक नाम क्लेरियस गेरीपाइंस है. थाईलैंड में विकसित की गयी मांसाहारी मछली की विशेषता यह है कि यह किसी भी पानी (दूषित पानी) में तेजी से बढ़ती है, जहां अन्य मछलियां पानी में ऑक्सीजन की कमी से मर जाती है, लेकिन यह जीवित रहती है. थाई मांगुर छोटी मछलियों समेत अन्य जलीय कीड़े-मकोड़ों को खा जाती है. इससे तालाब का पर्यावरण भी खराब हो जाता है.

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भारत सरकार ने थाई मांगुर के खाने और व्यापार करने पर रोक लगा रखा है. इसका व्यापार करना अपराध है. इससे स्थानीय मछली की प्रजाति नष्ट हो जायेगी. झारखंड के लोगों से आग्रह है कि इसको बढ़ावा नहीं दें. पकड़े जाने पर कार्रवाई हो सकती है.डॉ एचएन द्विवेदी, मत्स्य निदेशक

क्या अंतर है देसी और थाई मांगुर में

मांगुर

  • ग्रे रंग का थूथना लगभग गोलाकार
  • सिर के पास एम आकर की हड्डी

थाई

  • गहरा काला रंग से ग्रे की थोड़ा चौड़ा व गोल
  • सिर के पास डब्ल्यू आकार की हड्डी

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