वरिष्ठ साहित्यकार केदार कानन ने कहा, ” जन – सरोकारी चेतना का आह्वान करती हैं मोहन की कविताएं” रांची, 31 अक्तूबर : हर समय का अपना एक प्रमुख एवं नियंता स्वर होता है, उसी तरह हमारे समय का प्रमुख स्वर राजनीति और बाजार है। मौजूदा समय की राजनीति और बाजारवादी छल – छद्म को समझे बिना न तो आज की कविता को समझा जा सकता है और न समाज को। कृष्ण मोहन झा मोहन की कविताएं मौजूदा दौर की इन्हीं दो प्रमुख स्वरों की पड़ताल करती है और जन –…
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विश्व अहिंसा दिवस क्यों मनाया जाता है? राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कॉन थे? गाँधी जी से जुडी कुछ अहम् बाते क्या है?
सत्य और अहिंसा के साथ अग्रेजो से देश को आजाद करेने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) बहुत बड़ा योगदान है. जब हमारे देश में अंग्रेजों का राज था और देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब कई क्रांतिकारियों ने आगे आकर देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई इन्हीं में से एक थे हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चले और एक लाठी के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। गांधी जी ने…
Read Moreकहानी : पार्थ और आर्य की दोस्ती
बारिश का मौसम पूरे शबाब पर था. पार्थ और पूर्वा स्कूल के लिए निकलने वाले थे. मां ने चेतावनी दी, ‘‘बारिश का मौसम है, स्कूल संभल कर जाना. पूरी रात जम कर बारिश हुई है. अगर बारिश ज्यादा हुई तो स्कूल में ही रुक जाना. हमेशा की तरह अकेले मत आना. मैं तुम्हें लेने आऊंगी.’’ ‘‘अच्छा, मां, हम सावधानी बरतेंगे,’’ पार्थ और पूर्वा बोले. दोनों ने मां को अलविदा कहा. वे स्कूल जाने लगे. शाम के 6 बजने वाले थे. स्कूल की छुट्टी का समय हो चुका था. पार्थ और…
Read Moreरामसेतु (Ramsetu)पुल कहां है? रामसेतु (Ramsetu) के बारे में जानकारी. रामसेतु (Ramsetu) का रहस्य क्या है? क्यों मसहुर है रामसेतु (Ramsetu)? क्या है इतिहास?
artical / लेख : क्या भारत का सबसे पुराना रामसेतु दुबारा बनाया जा रहा है (Is India’s oldest Ram Setu being rebuilt?) रामसेतु (Ramsetu) क्या है? What is Ram Setu?रामसेतु (Ramsetu) के बारे में इतिहास में बात की जाए तो यह एक ऐसा पुल के बारे में बनाया गया था जहा भगवान श्री राम और उनकी सेना सभी वानर सेना और उनके अन्य सभी दल के द्वारा निर्मित किया गया था. या सेतु श्रीलंका (जो पहले लंका कहलाता था) पर रावण से युद्ध करने के लिए बनाया गया था इस…
Read More23 मार्च: देश के इतिहास का दुखद दिन
देश-दुनिया के इतिहास में 23 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है…देश और दुनिया के इतिहास में यूं तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं। लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर की…
Read Moreव्यंग्य : प्याज मांग कर जलील न हों
-अशोक गौतम- प्याज मांग कर प्लीज जलील न हों! अपने तमाम पड़ोसियों को यह सूचित करते हुए मुझे अपने मरने से भी अधिक दुख हो रहा है कि मैंने जो चार महीने पहले सस्ता होने के चलते जो पांच किलो प्याज खरीदा था, वह अब खत्म हो गया है। इसलिए अपने तमाम छोटे-बड़े पड़ोसियों को वैधानिक चेतावनी दी जाती है कि अब वे मेरे घर कृपया गलती से भी प्याज मांगने न आएं। मेरे घर में प्याज तो क्या, अब प्याज के छिलके भी नहीं बचे हैं। जो बचे थे…
Read Moreव्यंग्य : शादी के लिए पैंतरेबाजी
-जसविंदर शर्मा- लड़की का पिता चहका, जनाब, मैं ने सारी उम्र रिश्वत नहीं ली। ऐसा नहीं कि मिली नहीं। मैं चाहता तो ठेकेदार मेरे घर में नोटों के बंडल फेंक जाते कि गिनतेगिनते रात निकल जाए। मगर नहीं ली, बस। सिद्धांत ही ऐसे थे अपने और जो संस्कार मांबाप से मिलते हैं, वे कभी नहीं छूटते। यह कह कर उस ने सब को ऐसे देखा मानो वे लोग उसे अब पद्मश्री पुरस्कार दे ही देंगे। मगर इस बेकार की बात में किसी ने हामी नहीं भरी। लड़के की मां को…
Read Moreदो पौधे (कहानी)
मुझे आम के 2 पौधे दे कर जो रस्म मां ने विवाह के बाद मेरी विदाई पर निभाई थी आज वही रस्म पिताजी निभा रहे थे मां की अंतिम विदाई पर, मुझे आम के 2 पौधे और दे कर। बस, फर्क इतना था कि इस बार ये पौधे मेरे लिए नहीं बल्कि मेरी बेटी नेहा के लिए थे ताकि मेरी बेटी की पूंजी मायके में भी बढ़े और ससुराल को भी संपन्न बनाए। आंगन में आम का पेड़ चारों ओर फैला था। गरमी के इस मौसम में खटिया डाल कर…
Read Moreकहानी : कलंक
-सिराज- शादी की तैयारियां हो चुकी थीं। अगले दिन सुबह बारात आने वाली थी। लड़की के परिवार में तनाव की स्थिति थी। लड़की के पिता रतन से कहते हैं ‘बेटा चौकन्ना रहना कोई गड़बड़ी न हो। वो हमारे घर के आस-पास दिखने न पाए। मैंने सब को बोल रखा है जैसे वो दिखे तो टांगे तोड़ दें।’ ठीक है पिता जी… मैंने भी अपने दोस्तों को बोल रखा है। अरे हां, शादी के कार्ड सारे लोगों तक पहुंच गए हैं न? हां, वो तो कल ही पहुंचा दिए गए। एक…
Read Moreव्यंग्य : सदाचार का ओवरकोट
-हनुमान मुक्त- रानी ने दरबारियों से कहा कि प्रजा द्वारा हमें दिए गए जनमत से लग रहा है कि प्रजा पूर्ववर्ती शासन में बहुत दुखी थी। शासक एवं उसके नुमाइंदों ने बहुत भ्रष्टाचार फैला रखा था कोई भी सुखी नहीं था। तुम्हें कहीं भी भ्रष्टाचार नजर आए तो उसे तुरंत हमारे सामने हाजिर करो। दरबारियों ने रानी की बात सुनकर गर्दन नीची कर ली। रानी के समझ नहीं आया कि दरबारियों ने ऐसा क्यों किया है? उनकी बातों की अवहेलना कैसे की है। अभी तक तो मंत्रिमंडल का गठन बाकी…
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