मैथिली कवि कृष्णमोहन झा मोहन के दूसरे काव्य-संग्रह ‘दकचल समय पर रेख’ का लोकार्पण

वरिष्ठ साहित्यकार केदार कानन ने कहा, ” जन – सरोकारी चेतना का आह्वान करती हैं मोहन की कविताएं” रांची, 31 अक्तूबर : हर समय का अपना एक प्रमुख एवं नियंता स्वर होता है, उसी तरह हमारे समय का प्रमुख स्वर राजनीति और बाजार है। मौजूदा समय की राजनीति और बाजारवादी छल – छद्म को समझे बिना न तो आज की कविता को समझा जा सकता है और न समाज को। कृष्ण मोहन झा मोहन की कविताएं मौजूदा दौर की इन्हीं दो प्रमुख स्वरों की पड़ताल करती है और जन –…

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