आज दुनिया भर में फोटोनिक्स में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है। दरअसल, फोटोनिक्स प्रकाश के इस्तेमाल से संबंधित तकनीक है। यह लाइट और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की मदद से उपकरण विकसित करने का विज्ञान है। फोटोनिक्स तकनीक का उपयोग कम्युनिकेशन, हेल्थकेयर, मेडिसिन, रक्षा, ऑप्टिक्स, टेक्निशियन, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि क्षेत्रों में होता है। इसे 21वीं सदी की तकनीक कहा जा सकता है और इसके बढ़ते उपयोग की वजह से इस क्षेत्र में करियर की भरपूर संभावनाएं हैं।
बढ़ रहा स्कोप:- फोटोनिक्स का विकास ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स के फ्यूजन से हुआ है। इसमें प्रकाश को उत्पन्न करना, उसे निकालना और एक जगह से दूसरी जगह पर भेजना आदि शामिल होता है। लेजर ट्रीटमेंट, टेलीकम्युनिकेशन, माइक्रोस्कोपी, एडवांस स्पेक्ट्रोस्कोपी, बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी आदि बहुत-सी ऐसी फील्ड हैं, जिनमें फोटोनिक्स की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है। मेडिकल साइंस में फोटोनिक्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। खाततौर पर सर्जरी के लिए फोटोनिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लेजर के जरिए ऐसे तरीके ईजाद किए गए हैं, जिसमें न खून बहता है और न ही चीर फाड़ की जरूरत होती है। इस तकनीक से न सिर्फ पेशेंट को कम तकलीफ होती है, बल्कि पेशेंट की रिकवरी भी जल्दी हो जाती है।
जॉब की संभावनाएं:- भारत में फोटोनिक्स के क्षेत्र में संभावनाएं धीरे-धीरे विकसित हो रही हैं। इस फील्ड में जॉब के साथ टीचिंग में भी ऑप्शन खुले हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर अच्छे फोटोनिक्स टीचर्स की काफी जरूरत है। एक स्पेशलिस्ट के तौर पर किसी फोटोनिक्स से जुड़ी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, टेक्निशियन या साइंटिस्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं। फाइबर ऐंड इंटीग्रेटेड ऑप्टिक्स, सेमीकंडक्टर से संबंधित क्षेत्र में काम कर सकते हैं।
डिफेंस में भी जरूरत:- दुनिया के कई देश अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए नाइट विजन टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी का आधार फोटोनिक्स ही है। डिफेंस एक्सपर्ट का मानना है कि आज फोटोनिक्स तकनीक डिफेंस सेक्टर की जरूरत है। यही वजह है कि डिफेंस के क्षेत्र में भी फोटोनिक्स से रिलेटेड जॉब के अवसर बने रहते हैं।
क्वालिफिकेशन:- देश के कई संस्थानों में फोटोनिक्स की पढ़ाई उपलब्ध है। इस सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन के लिए मैथ्स, केमिस्ट्री और फिजिक्स के साथ 12वीं की जरूरत होती है। वहीं पीजी लेवल पर एंट्री के लिए मैथ्स और फिजिक्स के साथ ग्रेजुएशन की जरूरत होती है। पीएचडी के लिए फिजिक्स या फोटोनिक्स में मास्टर डिग्री की जरूरत होती है। कुछ डिप्लोमा कोर्स भी इस फील्ड में उपलब्ध है। डिप्लोमा कोर्स के जरिये आप टेक्निशियन बन सकते हैं। इस फील्ड में आने के लिए जरूरी है कि मैथ्स और फिजिक्स में अच्छी पकड़ हो। इस सब्जेक्ट में रिसर्च के लिए स्टूडेंट फॉरेन यूनिवर्सिटीज में भी एडमिशन ले सकते हैं। इसके अलावा, फोटोनिक्स से रिलेटेड कई तरह के कोर्स अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स में चलाए जा रहे हैं। आप चाहें तो एमटेक इन फोटोनिक्स, एमफिल इन फोटोनिक्स कर सकते हैं। इसमें जॉब के लिए एमटेक, एमफिल और पीएचडी वालों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
सैलरी पैकेज:- इस फील्ड में शुरुआत करने पर अच्छा सैलरी पैकेज ऑफर किया जाता है। अगर पीएचडी या एमटेक की डिग्री है, तो और अच्छी सैलरी ऑफर की जाती है। आमतौर पर इस फील्ड मे करियर की शुरुआत करने वाले स्टूडेंट्स को 20 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाता है। विदेश में भारत के मुकाबले ज्यादा अच्छा पैकेज ऑफर किया जाता है। एक-दो-साल का एक्सपीरियंस बढ़ने पर सैलरी में तेजी से बढ़ोतरी हो जाती है।
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