Jharkhand : जानकार बताते हैं कि चूंकि आवाज गुफा की छत से टकराती है और इससे कंपन पैदा होता है. लिहाजा छत में चिपका पानी एक-एक कर टपकने लगता है, लेकिन गुफा की छत में पानी का स्रोत कहां है, इसका पता नहीं चल पाया है.
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रामगढ़. कुदरत ने झारखंड को कई नेमतों से नवाजा है. ऐसा ही एक नेमत है रामगढ़ स्थित ‘बरसो पानी’ की गुफा. यहां तीन बार ताली बजाने या जोर से ‘बरसो पानी’ कहने पर गुफा की छत से पानी टपकने लगता है. बडकागांव प्रखंड के आंगो पंचायत के झिकझोर में स्थित गुफा (Cave) को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. कुदरत के इस करिश्मे को देखकर लोग एक पल के लिए हैरत में पड़ जाते हैं.
जानकार बताते हैं कि चूंकि आवाज गुफा की छत से टकराती है और इससे कंपन पैदा होता है. लिहाजा छत में चिपका पानी एक-एक बूंद टपकने लगता है, लेकिन गुफा की छत में पानी का स्रोत कहां है, इसका पता नहीं चल पाया है. इस पर काफी खोजबीन भी की गई.
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ग्रामीण चाहते हैं पर्यटक स्थल का दर्जा मिले
झिकझोर से बरसो पानी तक पहुंचने के लिए एक वर्ष पूर्व पीसीसी सड़क बनाई गई. पिकनिक मनाने आने वालों के लिए यहां एक चबूतरा का निर्माण कराया गया है, लेकिन ग्रामीण यहां और सुविधा चाहते हैं. साथ ही पर्यटकस्थल के दर्जे की भी मांग कर रहे हैं. ताकि पर्यटकों का फ्लो बढ़े और ग्रामीणों को रोजगार मिल सके.
स्थानीय निवासी जागेश्वर गंझू का कहना है कि बरसो पानी को पर्यटनस्थल का दर्जा मिलने से यह जगह और विकसित होगा. लोगों को रोजगार मिलेगा. यातायात की सुविधा भी बढ़ाने की जरूरत है.
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