नई दिल्ली। आज दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद की दोहरी चुनौतियों का हल, महात्मा गांधी के जीवन और उनके दर्शन में पाया जा सकता है। अपनी जीवन शैली के माध्यम से, बापू ने दिखाया कि प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना क्या है। उन्होंने यह भी दिखाया कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित ग्रह छोड़ना महत्वपूर्ण है। बापू के विचारों और आदर्शों में आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के खतरे को दूर करने में हमारी मदद करने की शक्ति है, इन समय में मानवता के सामने दो चुनौतियां हैं। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के दक्षिण कोरिया की योनसेई यूनिवर्सिटी में अनावरण के अवसर अपने वक्तव्य में कही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सियोल में योनसेई विश्वविद्यालय में बापू की प्रतिमा का अनावरण उनका सम्मान है। यह और भी खास हो जाता है क्योंकि हम ऐसा उस समय कर रहे हैं जब हम बापू की 150वीं जयंती मना रहे हैं। यह विशेष है कि आज दुनिया में बापू के संदेश की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया। प्रधानमंत्री ने कोरियाई राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून की मौजूदगी में प्रतिष्ठित योनसेई विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण कोरिया की आधिकारिक यात्रा पर सियोल गए हैं, जहां उन्होंने दक्षिण कोरियाई नेतृत्व से मुलाकात करने के साथ दक्षिण कोरियाई कारोबारी जगत के साथ ‘भारत-दक्षिण कोरिया बिजनेस संगोष्ठी’ में हिस्सा लिया।
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