नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में सेना के अफसर ऐसे परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनके बच्चे आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। सेना के टॉप कमांडर ने 80 परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान इनसे गुहार लगाई गई कि यह अपने बच्चों को आतंक के दलदल से वापस बुला लें। चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी रास्ता अपनाना पड़े।
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श्रीनगर स्थित चिनार कोर में जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने दक्षिणी कश्मीर के एक स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इन परिवारों को मोटिवेट किया। यह पहली बार है जब कोई सीनियर मोस्ट आर्मी अफसर घाटी में ऐसे परिवारों से निजी तौर पर जाकर मिल रहा है। इस दौरान कश्मीर रेंज के पुलिस आईजी ने भी इन परिवारवालों से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से लाइव एनकाउंटर्स के दौरान पुलिस और सुरक्षा बल स्थानीय आतंकियों को सरेंडर का मौका दे रहे हैं। परिवारवालों से गुहार लगाई गई कि वह हाल ही में आतंकी बने अपने बच्चों का वापस बुला लें। इस दौरान आर्मी कमांडर ने परिवारवालों को समझाया कि वाइट कॉलर आतंकी आपके बच्चों को टारगेट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह वाइट कॉलर आतंकी खुद तो अपने बच्चों को देश और दुनिया के अच्छे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। जिंदगी का लुत्फ उठा रहे हैं, वहीं ये आपके बच्चों को आतंक की आग में झोंक दे रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूत है। कार्यक्रम के दौरान कई आतंकियों के परिवार के लोग मौजूद रहे।
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इनमें सुमैर अहमद नजर का पिता अब्दुल हामिद नजर, उमर इशफाक मलिक का भाई मोहम्मद सलीम मलिक, नसीर अहमद वानी के पिता मोहम्मद हुसैन वानी, आदिल हुसैन वानी के पिता मोहम्मद खलील वानी, आबिद रमजान शेख और फारुख अहमद शेख और समीर अहमद शेख के पिता मोहम्मद रमजान शेख। यह सभी सक्रिय आतंकी हैं। अन्य परिवार के लोगों ने अपनी पहचान जाहिर करने से इंकार कर दिया। इस दौरान दक्षिणी कश्मीर के विभिन्न युवाओं के लिए ट्रैक एंड फील्ड कांपटीशन का भी आयोजन किया गया। इसमें पुलवामा के युवा विजेता रहे।
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