Health,इस बिमारी में नई हड्डियां देर से बनती है और पुरानी हड्डीयो का घनत्व कम हो जाता है

Ranchi : इटकी रोड स्थित जसलोक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा जितेंद्र सिन्हा का मानना है कि ५० वर्ष से उपर वाली महिलाओं के पैर और हाथो मे आमतौर पर दर्द ,टटैनी और कनकनाहट जैसी समस्या रहती है।छोटे मोटे चोट से इनकी हड्डियां चटक जाती है।ऐसा महवारी बन्द (पोस्ट मेनोपाॅज)होने के कारण होता है। बढ़े हुए थायरायड के कारण भी शरीर में दर्द और पैरों में कनकनाहट होता है। वैसे लोग जो दूध और डेयरी प्रोडक्ट का कम लेते है और शराब का अधिक सेवन करते है,अक्सर ऐसे लक्षणों से पीड़ित होते हैं।

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इस बिमारी को ऑस्टियोपेनिया कहा जाता है।इस बिमारी में नई हड्डियां देर से बनती है और पुरानी हड्डीयो का घनत्व कम हो जाता है।आसिटयोपेनिया की जांच बीएमडी या डेकशा मशीन से की जाती है।

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आसिटयोपेनिया के मरीजों को रोज दूध ,पनीर या दही खाना जरूरी होता है।कैल्सियम और विटामिन डी के हाई डोज हड्डियों के खोखलापन को तेजी से ठीक करते हैं।पैर के ‎अंगूठे और एड़ी को ऊपर उठाने वाले कसरत तथा हड्डियों को मजबूत करने के लिए अब्डकटर्स ‎जैसे कसरत भी सिखाए जाते हैं।

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