बिजली चोरी के मामले में छह कंपनियों के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई

रांची ।  झारखंड विधानसभा में गुरुवार को ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले में छह कंपनियों के खिलाफ बिजली चोरी के मामले में कार्रवाई होगी। इसे लेकर विभाग के सहायक विद्युत अभियंताओं से लेकर विद्युत अधीक्षण अभियंताओं के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
सिंह ने झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में कहा कि एसआईटी के प्रतिवेदन के आधार पर बिजली चोरी करने वाले और उसमें सहयोग करने वाले जो भी होंगे, उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बिजली चोरी के मामले की जांच को लेकर विशेष कार्यबल गठित किया गया था। एसआईटी जांच में पूर्वी सिंहभूम जिले की छह कंपनियों द्वारा एक जनवरी 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2017 तक की जांच अवधि में फीडर मीटर और उपभोक्ताओं के मीटर में सात करोड़ 96 लाख 13 हजार 763 रुपए का अंतर पाया गया। उन्होंने बताया कि एसआईटी जांच की अंतरिम प्रतिवेदन के आलोक में संबंधित सहायक विद्युत अभियंताओं कार्यपालक अभियंताओं और विद्युत अधीक्षण अभियंताओं के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश निगम को दिया गया।
झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने सरकार के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए दोषी कंपनियों के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब किसी आम उपभोक्ताओं के खिलाफ बिजली चोरी पकड़ी जाती है तो तुरंत ही एफआईआर दर्ज की जाती है लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियों के मामले में छह महीने बीत जाने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बड़े लोगों को बचाती है और छोटे लोगों पर तुरंत कार्रवाई करती है।
सदन में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्टीफन मरांडी के एक अन्य अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में राज्य की कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम में अल्पसंख्यक मामलों के जानकार कोटे में से एक का मनोनयन निदेशक रूप में किया जाना है, जिस पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम की ओर से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के सौजन्य से डीबीटी के माध्यम से वर्ष 2013- 14 में करीब 17 करोड़, 14 -15 में लगभग 10 करोड़ और 17-18 में 45 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सभी वित्त निगम को पांच-पांच करोड़ रुपये की राशि दी गयी है। इसपर विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि केंद्र से अनुदान लेने के लिए भी राज्य सरकार को प्रयास करना चाहिए।

 

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