ईवीएम VVPAT मामले पर सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका

नई दिल्‍ली । ईवीएम VVPAT मामले पर मंगलवार को विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि एक ही मामले को बार-बार क्‍यों सुनें। सुनवाई के लिए चंद्रबाबू नायडू, डी राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला अदालत में मौजूद थे।

जानकारी हो कि ईवीएम से 50 प्रतिशत VVPAT पर्चियों से मिलान की मांग को लेकर 21 दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस याचिका को कोई ने खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक ही मामले को बार-बार क्यों सुनें। सीजेआई ने कहा कि वे मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते। विपक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कम से कम 25 फीसदी पर्चियों का मिलान हो। हालांकि कोर्ट ने उनकी दलील को नहीं माना।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जब चुनाव आयोग ने उनकी बात नहीं सुनी थी तो वह यहां आए, लेकिन अब वह फिर चुनाव आयोग जाएंगे। उन्होंने कहा कि तीसरा फ्रंट और चौथा फ्रंट सभी विपक्ष का ही हिस्सा हैं, हम पीएम उम्मीदवार का नाम चुनाव के बाद तय करेंगे। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर अभी नतीजों में कुछ गलती आती है तो चुनाव आयोग ने कोई नियम जारी नहीं किए हैं। हम इसीलिए अदालत आए थे। अब इस मसले को लेकर विपक्षी नेता आज ही चुनाव आयोग से मिल सकते हैं।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था। आयोग ने इसे मान भी लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा। अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता है।

गौरतलब है कि अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 20625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा। वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है। एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4125 ईवीएम के VVPAT पेपर्स से मिलान कराया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी। उधर 21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपीएटी पेपर स्लिप के मिलान की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी) और एमके स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई थी। याचिका में उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए।

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