रांचीः मिशन ब्लू फाउंडेशन के तत्वावधान में शनिवार को सामाजिक उद्यमिता पर कार्यशाला का आयोजन रांची प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित हुआ। कार्यशाला का विषय आर्ट एवं सिनेमा था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता डाॅ राजेश जैस ने फिल्म और कला से उद्यमिता को अपने भविष्य के रूप में चुनने वाले युवाओं को कई बारिकियां बतायी। डाॅ जैस ने कहा कि सिनेमा कई विद्याओं का मिश्रण है। यहां सभी कलाओं का समावेश है। अभिनय, गायन, नृत्य समेत कई कलाओं के मिलन से एक फिल्म का निर्माण होता है। जो युवा अभिनय के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें कई बातों का ख्याल रखना होगा। पहले अपना मिशन तय करें, कि करना क्या है और कहां जाना है। इस क्षेत्र में अनुशासन जरूरी है। एक अच्छे गुरू की तलाश करें, जो अपके अभिनय को धार देगा। हिंदी सिनेमा में हर दिन आपको साबित करना होगा कि आप बेहतर हो। प्रोफेशनल तरीके से अभिनय के गुर सीखे। इसके लिए एक अच्छा संस्था का चयन करें। आपकी पास इतनी योग्यता होनी चाहिए कि आप समझ सके कि किस तरह के रोल करने वाले है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पदमश्री मधु मंसूरी ने कहा कि झारखंड कला और संस्कृति में आगे बढे, इसके लिए झारखंड से जुडे़ कलाकार सहयोग करें। झारखंड के लिए दिल, लगन और ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। तभी यहां की कला और संस्कृति को आगे बढाया जा सकता है। मैने अपनी गायकी से यहां की कला को बढ़ावा दिया। क्रांतिकारी आंदोलन में अपनी गायकी से लोगों में जोश भरने काम किया। आज कई युवा अभिनय के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। युवाओं से कहना है कि काम को लगन के साथ करें। साथ ही झारखंड की कला को बढाने में मदद करें। झारखंड में कई ऐसे विषय है, जिसपर फिल्म बन सकती है।
प्रसिद्ध अभिनेत्री नीलू कोहली ने कहा कि जो युवा अभिनय के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं, वे स्थानीय थियेटर में जरूर समय दे। लगातर रियाज करते रहे। अपने स्कील को बढ़ाये और पढ़ाई पर भी ध्यान दें। अपने शौक को प्रोफेशनल बनाइये। कास्टिंग डायरेक्टर को लगातार फ्लो करते रहे। इससे आपको हिंदी सिनेमा या टीवी पर काम आसानी से मिल जायेगा। पार्श्व गायिका स्वाति प्रसाद ने कहा कि गायकी के क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले सिर्फ बाॅलीवुड को पैसा कमाने का जरिया नही बनाये। कई प्लेटफाॅर्म है, जहां अपने टैलेंट के माध्यम से अपने आप को साबित कर सकते हैं। पारंपरिक लोक संगीत से बड़े मात्रा में रोजगार की संभावना है।
रंगकर्मी एवं नाटयकार अजय मलकानी ने कहा कि कला में कई विविधाएं हैं। अपन जिस कला को अपनाते है, उसे बेहतर करने का प्रयास करें। अगर थियेटर की बात करें तो अभिनय के दौरान कम्यूनिकेशन स्कील का होना जरूरी है। यह स्कील आपको बेहतर प्ररिणाम देगा। थियेटर आपको हर बारिकियों को बतायेगा, जो आपकी कला को निखार देगा। अगर आप स्कील है, तो रोजगार का द्वार खुला है। मिशन ब्लू फाउंडेशन के निदेशक पंकज सोनी ने कहा कि सामाजिक उद्यमिता पर काम करने की जरूरत है। पारंपरिक गीत-संगीत और आर्ट भी सामाजिक उद्यमिता को बढावा देता है। ऐसे में झारखंड में फिल्म और आर्ट के माध्यम से भी कैरियर बनाया जा सकता है। कार्यशाला में मंजीत सिंह, राजीव सिन्हा, अजय जैन, विनोद सिंह, बीके राम, प्रदीप कुमार समेत अलग अलग कॉलेज एवम यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं मौजूद थी। मंच का संचालन तेजस्वी शुक्ला और सानंदा मित्रा ने किया।
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