पीएम ने गिनाईं उपलब्धियां, काशी विश्वनाथ और अयोध्या का किया उल्लेख
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को आध्यात्मिकता के शिखर भगवान शंकर के धाम केदारनाथ में रुद्राभिषेक कर पूजा-अर्चना की उसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के करीब 18 मॉडल तैयार किए गए थे, लेकिन पीएम की सहमति के बाद एक मॉडल का चयन किया गया। मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज के हाथों तैयार हुई इसी प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी ने किया। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 9 कारीगरों ने लगातार मेहनत कर आदि गुरु शंकराचार्य का यह रूप तैयार किया।
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इस मूर्ति को तैयार करने का काम साल 2020 के सितंबर माह में शुरू हो गया था और इस साल सितंबर में मूर्ति को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से उत्तराखंड लाया गया था। कलाकारों की टीम ने इस प्रतिमा के लिए एक खास शिला चुनी। खास बात है कि 130 वजनी शिला को तराशने के बाद इसका वजन 35 टन हो गया। एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की।
मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया। प्रधानमंत्री मोदी शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण भी करेंगे जो 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदी केदारनाथ में 400 करोड़ रुपए से अधिक के पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इसके बाद पीएम मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में 130 करोड़ रुपए की पुनर्विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं।
केदारपुरी में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है- ‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’ अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2013 के विनाश के बाद, लोग सोचते थे कि क्या केदारनाथ का पुनर्विकास किया जा सकता है लेकिन मेरे भीतर की एक आवाज ने हमेशा मुझसे कहा कि केदारनाथ का फिर से विकास होगा। मैंने दिल्ली से केदारनाथ में पुनर्विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की है। मैंने ड्रोन फुटेज के माध्यम से यहां किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इन कार्यों के लिए मार्गदर्शन के लिए मैं यहां सभी ‘रावलों’ को धन्यवाद देना चाहता हूं।
पीएम ने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं। मोदी ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ है- ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे।
पीएम ने कहा कि अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केन्द्रों को उसी गौरव भाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि- इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि- समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह का अनुशासन दिखाया, वो भी बहुत सराहनीय है। भौगोलिक कठिनाइयों को पार कर आज उत्तराखंड ने, उत्तराखंड के लोगों ने 100 प्रतिशत सिंगल डोज़ का लक्ष्य हासिल कर लिया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है।
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मोदी ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इससे पहले, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे मोदी का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।
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