आखिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया की कोरोना से मरने वालों को 50,000 हजार रुपए मुआवजे के तोर पर देने होगे है। इसमें उनके परिजन भी शामिल हैं, जो इस महामारी से पीड़ित थे और पॉजिटिव होने के एक महीने के भीतर आत्महत्या कर लिए हैं। आपको बता दें कि 23 सितंबर को हुई अंतिम सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। केंद्र के द्वारा हलफनामे में हर मौत के लिए 50 हजार रुपए का मुआवजा तय करने की जानकारी कोर्ट को दी गई थी।
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केंद्र सरकार के हलफना पर संतोष
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के हलफना पर संतोष जताते हुए कहा था कि जिस विपरीत परिस्थितियों में भारत जैसे देश ने जैसा काम किया वैसा कोई और देश नहीं कर सका।
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राहत कार्यों में शामिल लोगों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी
केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि राहत कार्यों में शामिल लोगों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी। सरकार ने कहा कि अगर मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना है, तो ऐसे ही मृतक के परिजनों को सहायता राशि दी जाएगी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना पीड़ितों के परिजनों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से अनुग्रह सहायता प्रदान की जाएगी।
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मुआवजे को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे की राशि को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं। विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह कोरोना से होने वाली हर मौत पर परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। हालांकि, कोर्ट ने भी सरकार की इस बात पर सहमति जताई थी और बीच का रास्ता निकालने को कहा था।
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