Ranchi : झारखण्ड राज्य में आय दिन ये सनने को मिलता है की गलत दवाई देने से मौत हो गई. ऐसा ही मामला रांची में आया है जहा झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर मे आकर एक मासूम बच्चे कि जान चली गई. आए दिन इस तरह के जुर्म होते है लेकिन सरकार और जिला प्रसासन ने अभी तक ऐसे डॉक्टरों के विरुद्ध रोक थाम के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया है.
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बता दें कि, घटना शहर से सटे लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित इटकी प्रखंड की है. जहां एक झोलाछाप डॉक्टर के कारण महुआ टिकरा निवासी दिनेश भगत के 4 वर्षीय पुत्र विशाल भगत को अपनी जान गवानी पड़ी.
मामला यह है की महुआ टिकरा निवासी दिनेश भगत के 4 वर्षीय पुत्र विशाल भगत की तबियत खराब हो गई थी. जिसके बाद उसके पिता ने उसे इटकी स्थित मनोज केसरी की क्लिनिक में ले गए. वहां झोलाछाप डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया और कुछ दवा खाने को दी, जिसके बाद बच्चे की हालत और बिगड़ गई और कुछ घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई.
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दिनेश भगत ने इसकी सूचना इटकी थाना प्रभारी को दी. सूचना मिलते ही इटकी थाना प्रभारी इस मामले की जांच की और इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि मनोज केसरी के पास कोई भी डॉक्टरी से संबंधित डिग्री नहीं है. पुलिस ने इस मामले में धारा 302 व 304 के तहत केस दर्ज की है. इटकी थाना प्रभारी ने कहा कि फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है.
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