National : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेवाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लांच कर दी है। गुजरात में हो रही इन्वेस्टर समिट के दौरान मोदी ने कहा
स्क्रैप पॉलिसी भारत के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं और स्टार्टअप को इस कार्यक्रम में शामिल होने का भी आग्रह किया। साथ ही यह भी कहा, स्क्रैप पॉलिसी से युवाओं को नौकरियां मिलेगी और स्टार्टअप को बिजनेस के अवसर भी मिलेंगे। ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देने और भारत में प्रदूषण को कम करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए इस पॉलिसी को बेहद अहम माना जा रहा है।
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आइए जानते हैं कि स्क्रैप पॉलिसी क्या है- 18 मार्च को लोक सभा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी दिए गए बयान के अनुसार “भारत में 20 साल से पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन हैं और 15 साल से पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन हैं। इसके अलावा लगभग 17 लाख मझोले और भारी कमर्शियल वाहन हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने हैं और उनके पास वैध फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं हैं। पुराने वाहन, फिट वाहनों की तुलना में पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।” सड़कों पर वाहनों से चलने वाले और पैदल चलने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वच्छ वातावरण के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय “वाहन स्क्रैपिंग नीति” शुरूआत किया है। जो कि स्वैच्छिक रुप से वाहनों के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम होगा। इसके जरिए सरकार को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश और 35 हजार नौकरी के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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वाहनों को दो तरीके से स्क्रैप किया जाएगा। इसके तहत कमर्शियल वाहनों के लिए, स्वचालित फिटनेस सेंटर के फिटनेस सर्टिफिकेट और निजी वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण को आधार माना जाएगा। फिटनेस परीक्षण में विफल रहने वाले या अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण कराने में विफल रहने वाले वाहन की आयु खत्म घोषित कर दी जाएगी। और उन्हें स्क्रैप मान लिया जाएगा। वाहन के फिटनेस का आंकलन , मुख्य रूप से उत्सर्जन परीक्षण, ब्रेकिंग, सुरक्षा उपकरण सहित कई अन्य मानकों पर परीक्षणों के आधार पर होगा।
निजी वाहनों के लिए ये नियम-अनफिट पाए जाने वाले निजी वाहनों का 20 साल के बाद पंजीकरण रद्द हो जाएगा। इसी तरह पुराने वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए 15 साल के बाद बढ़ा हुआ पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा।कमर्शियल के लिए ये नियम-पॉलिसी के अनुसार , अगर कोई कमर्शियल वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में फेल हो जाता है तो उसका 15 साल बाद पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा ऐसे वाहन जिनके पंजीकरण को 15 साल पूरे हो चुके हैं। उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र पाने के लिए ज्यादा फीस देनी होगी। इस मामले में उनकी पंजीकरण तिथि पहली पंजीकरण तिथि से गणना की जाएगी। फीस ज्यादा रखने की वजह पुराने वाहनों को सड़कों से हटाना है।
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