रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कोटे से एकमात्र काबीना मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता बहुत ही सहज और सरल स्वभाव के नेता हैं। उनमें अपने लोगों को साथ लेकर चलने की विलक्षण क्षमता है।
सत्यानंद भोक्ता कभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में चर्चित चेहरा हुआ करते थे। लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें भाजपा छोड़ने को विवश किया तो कुछ महीनों के लिए वे झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) में शामिल हो गये। विधानसभा चुनाव के पहले भोक्ता ने झाविमो को अलविदा कहते हुए राजद का लालटेन थाम लिया। झारखंड में राजद ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में राजद ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा और लेकिन केवल चतरा (सुरक्षित) सीट से राजद उम्मीदवार की जीत हुई। इस सीट पर राजद उम्मीदवार के रूप में भोक्ता चुनाव जीतने में कामयाब हुए।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में राजद का झारखंड में खाता भी नहीं खुला था लेकिन इसबार भोक्ता ने विधानसभा चुनाव में राजद का खाता खोलने में कामयाबी हासिल की। इसका इनाम उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला। दरअसल, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव झारखंड सरकार में अपनी पार्टी की उपस्थिति का एहसास कराने के लिए भोक्ता को मंत्री बनवा दिया। भोक्ता भाजपा शासनकाल में कृषिमंत्री रहे हैं। भोक्ता 2000 से 2009 तक दो बार विधानसभा सदस्य रहे हैं। वे चतरा सीट से दो बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके थे।
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