नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए लोकसभा में सोमवार को आरोप लगाया कि इस पार्टी ने मजहब के आधार पर देश का बंटवारा किया था।
शाह ने धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने संबंधी नागरिकता संशोधन विधेयक (नासंवि) को सदन में पेश करने के औचित्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यदि मजहब के आधार पर देश का बंटवारा नहीं किया होता तो इस विधेयक को पेश करने की नौबत ही नही आती।प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि यह विधेयक मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामिक राज्य हैं तथा यह बात नही मानी जा सकती कि वहां धर्म के आधार पर मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है।
अमित शाह और विपक्षी सदस्यों के बीच उस समय तीखी नोकझोंक हुई जब कुछ विपक्षी सदस्यों ने अफगानिस्तान को भारत का पड़ोसी देश बताया। शाह ने विपक्षी सदस्यों को याद दिलाया कि भारत और अफगानिस्तान 106 किलोमीटर की जमीनी सीमा से जुड़े हैं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से पूछा कि क्या वे पाक अधिकृत कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग नहीं मानते। शाह की यह टिप्पणी इस संदर्भ में थी कि नियंत्रण रेखा के अनुसार भारत और अफगानिस्तान की सीमा नहीं मिलती जबकि पाक अधिकृत कश्मीर की सीमा अफगानिस्तान से मिलती है ।
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