प्रधानमंत्री टाटा की 86 बस्तियों के निवासियों को मालिकाना हक देने की करें घोषणा: सरयू राय

रांची। भाजपा के बागी व जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मांग की है कि वे आगामी तीन दिसम्बर को अपने जमशेदपुर में होने वाली सभा के दौरान टाटा की 86 से अधिक बस्तियों को मालिकाना अधिकार देने की घोषणा करें। साथ ही उन्होंने मालिकाना हक के सवाल पर जनता के साथ वादाखिलाफी करने के लिए रघुवर दास को मुख्यमंत्री पद से को हटाने की भी मांग की।

बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे अपने पत्र में राय ने कहा है कि हाल ही में आपकी मंत्रिपरिषद ने दिल्ली की 1731 बस्तियों को मालिकाना हक देने का निर्णय लिया है। संभवतः लोकसभा के इसी सत्र में यह विधेयक पारित होने वाला है। जमशेदपुर में 86 प्लस बस्तियों को मालिकाना हक देने की मांग विगत 20 वर्ष से उठ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार रघुवर दास इस मुहिम के अगुवा रहे हैं। वर्ष 2005 में जब टाटा लीज समझौते का नवीनीकरण हुआ, तब 17 सौ एकड़ में फैली इन बस्तियों को यह तर्क देते हुए टाटा लीज से अलग किया गया कि इन्हें मालिकाना हक दिया जायेगा। परंतु मुख्यमंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा के उम्मीदवार रघुवर दास ने अचानक पिछले कुछ महीनों से सार्वजनिक रूप से कहना आरंभ किया कि बस्तियों को मालिकाना हक देना उनका मुद्दा कभी नहीं रहा है और मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता है। रघुवर दास की इस बदली हुई बोली से यहां के बस्ती वासियों में आक्रोश है।

राय ने लिखा है कि वर्ष 2005 में मैंने कहा था कि बिना कानून बनाये इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता। उन्होंने काफी प्रयास किया कि सरकार इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाये लेकिन दास सरकार तैयार नहीं हुई। उन्होंने 86 बस्तियों को मालिकाना हक देने संबंधी निजी विधेयक 10 फरवरी 2006 को झारखण्ड विधानसभा में प्रस्तुत किया, परंतु रघुवर दास, जो उस समय राज्य के वित्त एवं नगर विकास मंत्री थे, ने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया।

राय ने अपने पत्र में लिखा कि पांच वर्षों में मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों के जमशेदपुर में जनता और पदाधिकारियों के साथ की गई बदसलूकी, यहां से बंद हो रहे उद्योग-धंधे और पलायन की समस्या को विकट बताते हुये लिखा है कि गत सप्ताह विधानसभा चुनाव के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में कहीं भी बस्तियों के मालिकाना, बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये मकानों को तोड़ने, उद्योगों के बीमार या बंद होने, पलायन और रोजगार जैसे मुद्दों का जिक्र नहीं है। जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के लिए अलग से चार पृष्ठों का घोषणापत्र जारी हो रहा है, उसमें भी बस्तियों, रोजगार, भय और आतंक के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया है। राय ने आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री इस पर पहल करते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल हटायें ताकि मालिकाना सहित जमशेदपुर की ज्वलंत समस्याओं का समाधान हो सके।

This post has already been read 7853 times!

Sharing this

Related posts