रायपुर। स्वास्थय मंत्री टीएस सिंहदेव ने देश-प्रदेश के लोगों के सामने एकबार फिर मिसाल पेश की है, सिंहदेव ने शुक्रवार को नेत्रदान की घोषणा की है । उन्होंने कहा कि नेत्रदान कर वे सुकून और संतोष का अनुभव कर रहे हैं । मृत्यु के बाद भी यदि हमारा शरीर किसी के काम आ सके तो यह संतोष की बात है । सिंहदेव ने कहा कि नेत्रदान के प्रति भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है । इसमें एक छोटा सा कट लगाकर केवल आंख का कार्निया निकाला जाता है । इसमें किसी भी तरीके से आंख या शरीर क्षत-विक्षत नहीं होता । नेत्रदान के बाद आपकी आंखें किसी और की भी जिंदगी रोशन कर सकती हैं । यह समाज के प्रति एक नेक काम है । उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में दृष्टिहीनों की संख्या में भारत का स्थान पांचवां है । ताजा सर्वेक्षणों पर आधारित अनुमान के अनुसार भारत में दृष्टिहीनों की संख्या बढ़कर अब एक करोड़ 20 लाख हो गई है । इसके मद्देनजर भारत में शासन द्वारा अंधत्व निवारण के लिए अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं । सन् 1976 से राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम भी प्रारंभ किया गया । इसके साथ ही भारत विश्व का पहला देश है, जहां अंधत्व नियंत्रण के राष्ट्रीय कार्यक्रम लागू किया गया है । इस कार्यक्रम का उद्देश्य सन् 2020 तक अंधत्व का प्रतिशत 1.4 से घटाकर 0.3 तक लाना है । बताया गया कि जिले में अब तक कुल 27 व्यक्तियों ने नेत्रदान और 17 व्यक्तियों ने देहदान किया है। कलेक्टर ने बैठक में सभी अधिकारियों सहित अन्य को भी नेत्रदान करने प्रेरित किया, जिससे कि किसी अन्य के जीवन में भी रौशनी आ सके ।टीएस सिंहदेव के साथ उनके विशेष सहायक आनंद सागर सिंह और आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने भी नेत्रदान की घोषणा की। इस दौरान रायपुर की पूर्व महापौर किरणमयी नायक और अंधत्व निवारण समिति के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा भी मौजूद थे।
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