किसी छात्र के करियर चुनने में कई बातें अहम होती हैं। उदाहरण के लिए उसे कौन-सा काम पसंद है, किस काम में वह अच्छा है, कमाई कितनी होगी, किस नौकरी में अवसर ज्यादा है, उसकी सामाजिक आकांक्षाएं क्या हैं, आदि। इसके अलावा, दोस्त क्या कर रहे हैं, यह भी करियर चुनते वक्त एक मनोवैज्ञानिक दबाव के रूप में कार्य करता है। परिवार वाले क्या चाहते हैं, यह भी एक महत्वपूर्ण कारक होता है। आज के युवा समाज में सकारात्मक योगदान दे पाने की संतुष्टि पाना चाहते हैं। साथ में सामाजिक प्रतिष्ठा, पहचान, रचनात्मक स्वतंत्रता, जॉब सिक्योरिटी आदि पर भी जोर देते हैं।
ठीक से सोचें-विचारें
बहुत सारे छात्रों को बहुत लंबे अर्से तक यही पता नहीं चल पाता कि वे किस काम को अच्छी तरह कर सकते हैं। दरअसल किसी करियर का चुनाव और उसमें सफलता छात्र की अपनी विचार-प्रक्रिया पर भी काफी हद तक निर्भर करती है। इसलिए करियर का चुनाव करने से पहले सारे पहलुओं पर सही तरीके से सोच-विचार किया जाए कि हमें क्या करना है।
अपने व्यक्तित्व को निखारें
किसी भी क्षेत्र के लिए जरूरी योग्यताएं उस क्षेत्र में करियर बनाने का रास्ता तैयार करती हैं। लेकिन एक स्तर के बाद आपके व्यक्तित्व की खासियतें जैसे रचनात्मक सोच, सकारात्मकता, बातचीत की कला आदि काम आते हैं। इसलिए जरूरी योग्यता के अलावा व्यक्तित्व से जुड़ी खासियतों पर भी काम करें।
प्रयास करना न छोड़ें
करियर के चुनाव को लेकर भ्रम की स्थिति में होना स्वाभाविक बात है। लेकिन, अपनी पढ़ाई जारी रखें, बुनियादी चीजों पर काम करते रहें। इस भ्रम की वजह से निराश होकर प्रयास करना मत छोड़िए। रोजगार के मौकों पर दें ध्यान करियर का चुनाव करते वक्त उस क्षेत्र में रोजगार के मौकों को ध्यान में रखें। उसमें कितनी आमदनी हो सकती है, जॉब सिक्योरिटी कैसी है, आप उसमें कितना फिट हो पाएंगे, इस पर सोचें।
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