विजयवर्गीय महिला सभा के द्वारा गणगौर श्रृंगार सिंझारा उत्सव का आयोजन किया गया

रांची। गणगौर श्रृंगार सिंझारा में महिलाओं ने सांस्कृतिक नृत्य पेश किए, गाना गाए, तंबोला में हिस्सा लिया, लजीज व्यंजन का लुफ्त उठाया। विजयवर्गीय महिला सभा की अध्यक्ष अनुपमा विजय ने बताया की, गणगौर राजस्थान एवं सीमाव्रती मध्य प्रदेश का एक त्यौहार है जो चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को आता है | इस दिन कुवांरी लड़कियां एवं विवाहित महिलायें शिवजी (इसर जी) और पार्वती जी (गौरी) की पूजा करती हैं | पूजा करते हुए दूब से पानी के छांटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं।
गणगौर राजस्थान में आस्था प्रेम और पारिवारिक सौहार्द का सबसे बड़ा उत्सव है। गण (शिव) तथा गौर (पार्वती) के इस पर्व में कुँवारी लड़कियां मनपसंद वर पाने की कामना करती हैं। विवाहित महिलायें चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर पूजन तथा व्रत कर अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। होलिका दहन के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीया तक,18 दिनों तक चलने वाला त्योहार है -गणगौर।यह माना जाता है कि माता गवरजा होली के दूसरे दिन अपने पीहर आती हैं तथा आठ दिनों के बाद ईसर (भगवान शिव )उन्हें वापस लेने के लिए आते हैं ,चैत्र शुक्ल तृतीया को उनकी विदाई होती है। गणगौर की पूजा में गाये जाने वाले लोकगीत इस अनूठे पर्व की आत्मा हैं। इस पर्व में गवरजा और ईसर की बड़ी बहन और जीजाजी के रूप में गीतों के माध्यम से पूजा होती है तथा उन गीतों के बाद अपने परिजनों के नाम लिए जाते हैं। राजस्थान के कई प्रदेशों में गणगौर पूजन एक आवश्यक वैवाहिक रस्म के रूप में भी प्रचलित है। गणगौर पूजन में कन्यायें और महिलायें अपने लिए अखंड सौभाग्य ,अपने पीहर और ससुराल की समृद्धि तथा गणगौर से हर वर्ष फिर से आने का आग्रह करती हैं। कार्यक्रम में अनुपमा विजयवर्गीय गुड़िया विजयवर्गीय, निधि विजयवर्गीय, आरती विजयवर्गीय,  जया विजयवर्गीय, प्रीति विजयवर्गीय, अनुराधा विजयवर्गीय, सुमन विजयवर्गीय, इन्दिरा विजयवर्गीय, स्वाति विजयवर्गीय, मोनिका विजयवर्गीय, रेनू विजयवर्गीय, सुनीता विजयवर्गीय, रितु विजयवर्गीय, पुनम विजयवर्गीय, मीना विजयवर्गीय, बेबी विजयवर्गीय, रिद्धि विजयवर्गीय पुष्पा विजयवर्गीय, रीना विजयवर्गीय समेत अन्य विजयवर्गीय सभा की महिलाएं उपस्थित थी।

This post has already been read 10080 times!

Sharing this

Related posts