नई दिल्ली। भारतीय सांख्यिकी संस्थान(आईएसआई) ने शुक्रवार को वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपैट) पर्ची के नमूने के आकार पर अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर आयोग विचार-विमर्श कर आगे कोई निर्णय लेगा। आईएसआई के दिल्ली केन्द्र के प्रमुख प्रोफेसर अभय जी. भट्ट ने यह रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को सौंपी। देश में चुनावों के दौरान वीवीपैट पर्चियों की गिनती के प्रतिशत में बढ़ोतरी की अलग-अलग मांगों के मद्देनजर आयोग ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान को व्यवस्थित रूप से विश्लेषण करने का काम सौंपा था। आईएसआई देश में आंकड़ों और नमूना प्रक्रिया के क्षेत्र में अनुसंधान, अध्यापन और इस्तेमाल के प्रति समर्पित अग्रणी और प्रख्यात राष्ट्रीय संस्थान है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के दौरान कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) की गणना से वीवीपैट मशीनों के मिलान को लेकर एक उच्चाधिकार समिति गठित की गई है, जिसके सुझाव मतगणना से पूर्व आ इन सुझावों के बाद चुनाव आयोग मतगणना से पूर्व कोई निर्णय लेगा। कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर विश्वास बहाली के मुद्दे पर चुनाव आयोग से ईवीएम से मतदान कराने की स्थिति में 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों से मतों की जांच कराना चाहती हैं। ईवीएम और वीवीपैट से साथ मतदान कराए जाने पर वीवीपैट मशीनों में पार्टी के नाम की एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची को बॉक्स में गिरते हुए देखा जा सकता है। इन पर्चियों का इस्तेमाल कर ईवीएम के नतीजों के साथ उनकी तुलना कर सत्यापित किया जा सकता है। वर्तमान में आयोग एक पोलिंग बूथ की एक मशीन के आंकड़ों का ईवीएम से मिलान करता है।
This post has already been read 9403 times!