रामगढ़ । कोयलांचल क्षेत्र में इंटक समेत पांच यूनियन के सदस्यों ने सोमवार को प्रतिरोध मार्च निकाला। यह प्रतिरोध मार्च कोल इंडिया में भारत सरकार द्वारा सीधे विदेशी निवेश के खिलाफ निकाला गया है। इस मार्च के आगाज के साथ 24 सितंबर से सभी कोलियरियों के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। सिर्फ सुरक्षा विभाग को छोड़कर शेष सभी विभागों में ताला लटक जाएगा।
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दूबे उर्फ ददई दूबे ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज पूरा देश बर्बादी के कगार पर है। अब हम भारत सरकार के इस तानाशाही रवैया को नहीं मानेंगे। भारत सरकार को इस मुद्दे पर अपने कदम पीछे हटाने ही होंगे। सरकार के साथ मजदूर यूनियन अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। मजदूरों का हक नहीं मिला तो हम सरकार को कोल इंडिया में कोई बदलाव नहीं लाने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे कोयलांचल में कोयले का भंडार पड़ा हुआ है। इन क्षेत्रों में काम करने वाली कोल इंडिया अरबों निवेश कर काम कर रही है, लेकिन अब इसे बर्बाद करने पर सरकार तुली हुई है।
आउटसोर्सिंग कंपनी से लगातार काम लिया जा रहा है। मजदूरों को उनके हक से दूर रखा जा रहा है। सरकार की नीतियों के खिलाफ 24 सितंबर से सभी पांच यूनियन के सदस्य पूरी तरीके से हड़ताल पर रहेंगे। इंटक के साथ एचएमएस, एआईटीयूसी, सीआईटीयू और एआईसीसीटीयू के सदस्य भी हड़ताल पर साथ दे रहे हैं। ददई ने कहा कि कोल इंडिया में अगर विदेशी पूंजी निवेश यानी एफडीआई को मंजूरी मिली है तो सभी मजदूर यूनियन ने चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति भी तैयार कर रखी है। किसी भी सूरत पर एफडीआई को कोल इंडिया में लागू नहीं होने दिया जाएगा।
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