वॉशिंगटन। अमेरिका में 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपनी दावेदारी दर्ज कराने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की तुलसी गबार्ड ने आरोप लगाया कि वह धार्मिक कट्टरता की शिकार बन गई हैं और मीडिया का एक धड़ा उन्हें लक्ष्य बना रहा है तथा हिंदू नाम वाले उनके समर्थकों पर हिंदू राष्ट्रवादी होने का आरोप लगा रहा है। अमेरिकी कांग्रेस में चुनी गईं पहली हिंदू महिला गबार्ड ने रविवार को रिलिजियस न्यूस सर्विसेज में एक संपादकीय में उनके, समर्थकों एवं दानकर्ताओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की व्याख्या, हिंदू अमेरिकियों की प्रोफाइलिंग करने एवं उन्हें निशाना बनाए जाने और बिना किसी आधार के उन्हें परेशान किए जाने के रूप में की है। 37 वर्षीय गबार्ड ने 11 जनवरी को घोषणा की थी कि वह 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी में दावेदारी पेश करेंगी। इस तीखे लेख में गबार्ड ने खुद को हिंदू राष्ट्रवादी बताए जाने के आरोपों की ओर इशारा किया। उन्होंने पूछा, कल क्या मुस्लिम या यहूदी अमेरिकी कहोगे। जापानी, लातिन अमेरिका या अफ्रीकी अमेरिकी कहोगे? उन्होंने कहा, भारत के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरी मुलाकात को इसके साक्ष्य के तौर पर दर्शाया गया और इसे एक तरह से असामान्य बताया गया जबकि राष्ट्रपति (बराक) ओबामा, मंत्री (हिलेरी) क्लिंटन, राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप और कांग्रेस के मेरे कई साथी उनसे मुलाकात कर चुके हैं और उनके साथ काम कर चुके हैं। हवाई से चार बार की डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद ने कहा, कांग्रेस में चुनी जाने वाली पहली हिंदू-अमेरिकी होने और अब राष्ट्रपति पद के लिए पहली हिंदू-अमेरिकी दावेदार होने का मुझे गर्व है।
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