राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया। यह विधेयक बुधवार को भारी समर्थन के साथ लोकसभा से पास हो गया था। विधेयक को उच्च सदन में पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे ही विधेयक पारित होगा, जनगणना और परिसीमन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, “मैं आज जो संविधान संशोधन विधेयक लेकर आया हूं, उसके माध्यम से अनुच्छेद 330, अनुच्छेद 332 और अनुच्छेद 334 में एक खंड जोड़ा जाएगा। जिसके माध्यम से लोकसभा और देश की सभी राज्य विधानसभाओं में 1/3 सीटें आरक्षित की जाएंगी। यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “यह आरक्षण ऊर्ध्वाधर के साथ-साथ क्षैतिज भी है। इसके तहत एससी-एसटी महिलाओं को भी आरक्षण मिलेगा। इसलिए जनगणना और परिसीमन महत्वपूर्ण हैं। जैसे ही विधेयक पारित होगा, जनगणना और परिसीमन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन-सी सीट महिलाओं को जाएगी, ये परिसीमन आयोग तय करेगा। राज्यसभा सांसद पीटी ऊषा ने कहा, “यह महिलाओं के लिए असल में ‘अमृतकाल’ है और हमें सम्मानित महसूस हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह राज्यसभा से भी पारित होगा। वहीं, गुरुवार सुबह आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “ये महिला आरक्षण बिल पिछले 20-25 साल से पेंडिंग था और आने वाले 20-25 साल में भी ये लागू नहीं होगा और उसके बाद भी लागू होगा कि नहीं ये पता नहीं है। अगर आपकी मंशा 33% महिलाओं को आरक्षण देने की है तो इसे 2024 के चुनाव में लागू कीजिए। ये बिल महिलाओं को बेवकूफ बनाने का बिल है ये इनका सिर्फ चुनावी जुमला है। गौरतलब है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक बुधवार की लोकसभा ने पारित कर दिया। मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। बिल के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े।  इस बिल के पारित होने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहे। बता दें कि अब नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर राज्यसभा में चर्चा जारी है। यहां वोटिंग में समर्थन पाते ही विधेयक पारित हो जाएगा।

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