नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जब तक ईडी के पास मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले की हार्ड कॉपी नहीं मिहै तब तक उन्हें ईडी की पूछताछ से छूट दी जाए। स्पेशल जज अरविंद कुमार ने कहा कि आप ईडी के पास कल यानि 26 फरवरी को पूछताछ के लिए जाएं। कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वो पांच दिनों के अंदर दस्तावेजों की हार्ड कॉपी रॉबर्ड वाड्रा को उपलब्ध कराएं। मामले की अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी। ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी को दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी सौंपी। तुलसी ने कहा कि कुल 185 दस्तावेज हैं, जो हमें दिए जाने चाहिए, बिना दस्तावेज़ देखे हम जांच में सहयोग कैसे कर सकते हैं। हमें हार्ड कॉपी मिलनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि हमें भी सॉफ्ट कॉपी ही मिली है। तब ईडी के वकील ने कहा कि हमारे पास कुछ दस्तावेज हो सकते हैं लेकिन हम वो दस्तावेज कैसे दे सकते हैं जो हमने सीज ही नहीं किए हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के पास मनी लॉन्ड्रिंग के मामले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की थी। पिछले 16 फरवरी को कोर्ट ने वाड्रा की गिरफ्तारी पर लगी रोक 2 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि उन्हें वाड्रा से 4-5 दिन पूछताछ करनी है तब वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि उन्हें कोई एतराज नहीं है लेकिन उनके मुवक्किल को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। ईडी ने कहा था कि वाड्रा कोर्ट या ईडी के दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचते हैं तो उनके साथ पूरी बारात होती है। कोर्ट ने वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा की गिरफ्तारी पर लगी रोक भी 2 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी। पिछले 2 फरवरी को कोर्ट ने वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी। कोर्ट ने वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के समन पर जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। वाड्रा की तरफ से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि अभी तक जांच में शामिल होने के लिए समन नहीं मिला है लेकिन कभी भी समन किया जा सकता है। वाड्रा अपनी बेटी के सर्जरी और बुजुर्ग मां की देखभाल के लिए ब्रिटेन गया था। वाड्रा की समाज में प्रतिष्ठा है। क़ानून से भागने वाले इंसान नहीं हैं। ये केस और कुछ नहीं,बल्कि राजनीतिक द्वेष की भावना के चलते दर्ज़ किया गया। रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका उस केस में दायर की है, जिसमें उनके करीबी मनोज अरोड़ा ईडी की पूछताछ का सामना कर रहे हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने मनोज अरोड़ा को अंतरिम राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही मनोज अरोड़ा को निर्देश दिया है कि वह प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के साथ जांच में सहयोग करें। ईडी के मुताबिक मनोज अरोड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए कई बार समन जारी किया जा चुका है लेकिन वह कभी भी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुआ। ईडी ने कहा कि अरोड़ा रॉबर्ट वाड्रा की विदेश में अघोषित संपत्ति के बारे में जानता है और इन संपत्तियों को हासिल करने के लिए धन मुहैया कराने में भूमिका निभाई थी। ईडी के मुताबिक लंदन में वाड्रा की करीब 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति के लिए दुबई से पैसे का इंतजाम किया गया था। लंदन की ये संपत्ति 12, ब्रायनस्टोन स्क्वायर में स्थित है। इस संपत्ति को संजय भंडारी 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में खरीदी थी और उसे 2010 में 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में ही बेच दी थी। जबकि भंडारी ने 65900 ब्रिटिश पाउंड इसके रेनोवेशन पर खर्च कर चुका है। इसका साफ मतलब है कि उस संपत्ति का असली मालिक भंडारी नहीं था बल्कि रेनोवेशन का खर्च वाड्रा ने वहन किया था।
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