ओरछा में पर्यटन बढ़ाने सरकार की भूमिका जरुरी

-विवेक कुमार पाठक-

ओरछा में रामराजा सरकार को भले ही राज्य शासन राजा की तरह प्रोटोकॉल देता हो मगर उनके दरबार तक पहुंचाने इस क्षेत्र में जनसुविधाओं का अभाव रहा है। यहां बुंदेलखंड की सनातन समस्या अधोसरंचना की कमी के रुप में लंबे समय से है। ऐसे में धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग ने ओरछा को संवारने कदम बढ़ाया है उससे रामराजा सरकार के उपासकों को आस जगी है। ओरछा में मध्यप्रदेश सरकार श्रद्धालुओं के लिए बड़ा यात्री सदन बनाने जा रही है। गरीब एवं साधनहीन श्रद्धालुओं के हित में यह एक सार्थक कदम माना जा रहा है। बुंदेलखंड में बेतवा के तट पर ऐतिहासिक रामराजा सरकार मंदिर है। मंदिर में भगवान राम को रामराजा सरकार के रुप में पूजने न केवल देश भर से बल्कि विदेशी पर्यटक भी यहां दर्शन को आते है। ओरछा के प्राचीन मंदिरों एवं वहां के इतिहास व स्थापत्य कला के कारण विदेशी पर्यटकों का ओरछा में आगमन निरंतर बढ़ा है। इसी कारण से ओरछा में आधुनिक सुख सुविधओं से युक्त रेस्ट हाउस व होटलों की श्रृंखला विकसित हुई है। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के भी यहां ओरछा रिट्रीट और शीश महल नाम से दो होटल हैं मगर उन तक पहुंच बुंदेलखंड से रोज आने वाले हजारों गरीब श्रद्धालुओं की नहीं है। ऐसे में टीकगमढ़, सागर छतरपुर, पन्ना, निवाड़ी से लेकर झांसी, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी सहित मध्यप्रदेश के लाखों साधनहीन श्रद्धालुओं के लिए ओरछा तीर्थ पर विश्राम और निवास परेशानी का सबब बनता रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग ने इस दिशा में जो पहल की है वो सराहनीय है। प्रदेश की नवगठित सरकार के धार्मिक एवं धर्मस्व मंत्री पी. सी शर्मा ने बीते रोज यहां विशाल यात्री सदन के निर्माण की आधारशिला रखी है। ओरछा में ये यात्री सदन मध्यप्रदेश सरकार 2 करोड़ की लागत से बनवाने जा रही है। यह यात्री सदन रानी गणेश कुंआरि तीर्थयात्री सेवा सदन के नाम से बनाया जा रहा है। इस यात्री सदन के बनने से रामराजा सरकार के गरीब एवं मध्यमवर्गीय भक्तों को ओरछा दर्शन के दौरान रिहायश और विश्राम के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। धर्मस्व विभाग इसके अलावा ओरछा के केशव कुंज मंगल परिसर बनवा रहा है जिसमें रामराजा के भक्तगण यहां मांगलिक कार्य आदि कराने में सहूलियत पा सकेंगे। इसके अलावा सरकार ने ओरछा को राय प्रवीण कला केन्द्र नाम से कलाओं पर केन्द्रित भवन की सौगात भी दी है। ओरछा में इस निर्माण के साथ ही धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग ने जो एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है वो काबिले गौर है। दरअसल मध्यप्रदेश में धर्मस्व विभाग के अंतर्गत दो तरह के मंदिर है। जिन मंदिरों से सेवापूजा खर्च के लिए सरकारी जमीन लगी है वे तो ठीक हैं मगर बिना जमीन वाले मंदिरों के साथ संकट था। यहां आराध्य की सेवा पूजा, आरती प्रसाद से लेकर तमाम खर्चों के लिए पुजारियों को सिर्फ 500 से 1000 रुपए अब तक मिल रहे थे जो नाकाफी थे। इस कम राशि में पुजारी माफी औकाफ के ऐतिहासिक मंदिरों की सेवा पूजा करते हुए अपना जीवन यापन नहीं कर पा रहे थे। मंदिरों में भगवान के लिए प्रसाद और आरती तक को पुजारी धार्मिक अनुष्ठानों एवं जजमानों के मोहताज थे। ये समस्या लंबे समय से सरकारी मंदिरों के पुजारी उठा रहे थे। इस पर प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने शीघ्रता से सही फैसला लिया है। धार्मिक एवं धर्मस्व मंत्री पी सी शर्मा ने इस संबंध में घोषणा की है कि अब माफी औकाफ के सभी मंदिरों को सेवा पूजा के लिए पहले से तीन गुना मानदेय मिलेगा। इस कदम से मध्यप्रदेश में राज्य संरक्षित धार्मिक एवं आराध्य स्थलों की परंपरा को जीवित और सुरक्षित बनाए रखने में सरकार पीछे खड़ी रहेगी का विश्वास पुजारियों और आम जनता के बीच मजबूत हुआ है।

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