जरा कैन और हाबिल को देखिए। वे अब बड़े हो गए हैं। कैन एक किसान बन गया है। वह फल-सब्जी और अनाज की खेती करता है। जबकि हाबिल एक चरवाहा बन गया। उसे भेड़ के छोटे-छोटे बच्चों, यानी मेम्नों की देखरेख करना बहुत अच्छा लगता है। धीरे-धीरे ये मेम्ने बड़े हो जाते हैं। इस तरह, हाबिल के पास ढेर सारी भेड़ें हो जाती हैं। कैन और हाबिल अपना-अपना बलिदान परमेश्वर को चढ़ा रहे हैं। एक दिन कैन और हाबिल, दोनों परमेश्वर के लिए तोहफा लाए। कैन अपने खेत से कुछ फल-सब्जी लाया और हाबिल अपनी भेड़ों में से अच्छी-से-अच्छी भेड़ें लाया। यहोवा ने हाबिल से खुश होकर उसका तोहफा कबूल कर लिया। पर वह कैन और उसके तोहफे से बिलकुल भी खुश नहीं हुआ। मालूम है क्यों? इसलिए नहीं कि हाबिल का लाया तोहफा कैन के तोहफे से अच्छा था, बल्कि इसलिए कि हाबिल एक अच्छा आदमी था। हाबिल, यहोवा और अपने भाई, दोनों से प्यार करता था। लेकिन कैन बुरा आदमी था। वह अपने भाई हाबिल से प्यार नहीं करता था। परमेश्वर ने कैन से कहा कि उसे अच्छा आदमी बनना चाहिए। पर कैन ने परमेश्वर की एक न सुनी। उलटा वह गुस्सा हो गया, क्योंकि परमेश्वर उससे ज्यादा हाबिल को पसंद करता था। एक दिन कैन ने हाबिल से कहा, चलो जरा मैदान तक चलते हैं। जब वे दोनों मैदान में पहुंचे, तब कैन ने हाबिल पर हमला करके उसे जान से मार डाला। कैन ने कितना बुरा काम किया, है ना? यह सच है कि हाबिल मर गया, लेकिन परमेश्वर उसे भूला नहीं है। जानते हैं क्यों? क्योंकि हाबिल अच्छा आदमी था और यहोवा अच्छे लोगों को कभी नहीं भूलता। इसलिए यहोवा उसे एक दिन जरूर जिंदा करेगा। उसके बाद हाबिल कभी नहीं मरेगा। वह इस धरती पर हमेशा जिंदा रहेगा। जरा सोचिए, तब हाबिल से मिलकर उससे बातें करने में कितना मजा आएगा!
कैन, हाबिल को जान से मार डालने के बाद भाग रहा है
लेकिन परमेश्वर, कैन जैसे बुरे लोगों को बिलकुल पसंद नहीं करता। जब कैन ने अपने भाई को मार डाला, तब परमेश्वर ने उसे सजा दी। परमेश्वर ने उसे उसके घरवालों से दूर भेज दिया। जाते-जाते कैन अपने साथ अपनी एक बहन को भी ले गया। फिर उन दोनों ने शादी कर ली।
कुछ समय बाद कैन और उसकी बीवी के बच्चे हुए। उधर आदम और हव्वा के दूसरे बेटे-बेटियों ने भी शादी कर ली और उनके भी बच्चे हुए। देखते-ही-देखते धरती पर बहुत सारे लोग हो गए। आइए हम उनमें से कुछ के बारे में जानें।
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